बाड़मेर.
राजस्थान विधानसभा में राजस्थानी में शपथ मान्य नहीं होने के बावजूद भी दो विधायकों ने बुधवार को पहले राजस्थानी में शपथ लेकर मान रखा। राजस्थानी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में नहीं होने से मान्य नहीं माना तो बाद में नियमानुसार हिन्दी में शपथ ली। शिव और कोलायत विधायक की इस पहल के बाद राजस्थानी भाषा को मान्यता की पैरवी भी विधानसभा के पहले सत्र के पहले ही दिन हुई।
विधानसभा में शपथ के दौरान कोलायत विधायक अंशुमानङ्क्षसह भाटी ने पहल करते हुए राजस्थानी में शपथ लेना प्रारंभ कर अपनी शपथ पूरी की। इस दौरान आसन की ओर से संविधान की आठवीं सूची में राजस्थानी नहीं होनेे से राजस्थानी की शपथ को मान्य नहीं मानते हुए उन्हें कहा गया कि वे मान्य भाषा में शपथ लें। अंशुमानङ्क्षसह ने फिर हिन्दी में शपथ ली। इसी तरह शिव के विधायक रविन्द्रसिंह भाटी ने भी अपनी शपथ राजस्थानी में लेना प्रारंभ किया। आसन की ओर से किरोड़ीमल मीणा ने उन्हें रोकना चाहा लेकिन वे बोलते रहे। इसके बाद रविन्द्र ने भी हिन्दी में शपथ ली। जालौर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने बताया कि अगर आठवीं अनुसूची कि बात है तो मैथिली, कोंकणी व छत्तीसगढी में भी समय समय पर सदस्यो ने लोकसभा व विधानसभा में शपथ भी ली व अपनी बात भी रखी फिर राजस्थानी में क्यों नहीं? कांग्रेस विधायक डूंगरराम गेदर ने कहा कि संविधान कि आठवीं अनुसूची में तो अंग्रेजी भी नहीं फिर मायड़ भाषा के साथ ये दोहरा व्यवहार क्यों ?
मुद्दा गूंजा
राजस्थान कि 16वीं विधानसभा के आज पहले दिन ही विधायकों द्वारा शपथ ग्रहण के वक्त मायड़ भाषा राजस्थानी में शपथ को लेकर मुद्दा गुंजायमान हुआ।आठ से अधिक विधायकों ने राजस्थानी में शपथ लेने का आग्रह किया। राजस्थानी मोट्यार परिषद ने नवनिर्वाचित विधायकों से आग्रह किया था कि वे राजस्थानी में शपथ लें। – डॉ शिवदान सिंह जोलावास राष्ट्रीय अध्यक्ष राजस्थानी मोट्यार परिषद्
दुर्भाग्यपूर्ण
विधायकों की ओर से मांग और आवेदन के बावजूद राजस्थानी भाषा में शपथ की अनुमति नहीं देना दुर्भाग्यपूर्ण है। संविधान के अनुच्छेद 120 परन्तुक एवं 210 परन्तुक के तहत यह हो सकता है। दोनों विधायकों की ओर से एक बार राजस्थानी भाषा में शपथ लेने के बावजूद पुन: अन्य भाषा में शपथ दिलवाना समझ से परे है।
प्रहलाद सिंह झोरड़ा
प्रदेश महामंत्री
राजस्थानी मोट्यार परिषद
पत्रिका ने उठाया मुद्दा
राजस्थान पत्रिका के 19 दिसंबर के अंक में म्है राजस्थानी माय शपथ लेणी चावूं..म्हारी मायड़ बोली है सा..म्हनै बोलण द्यो शीर्षक से प्रकाशित समाचार में राजस्थानी में शपथ के मामले को उठाया गया। इसके बाद राजस्थानी के चाहने वालों ने भी विधायकों से पैरवी की। असर हुआ कि विधायकों ने बुधवार को सदन में राजस्थानी में शपथ बोलते हुए बात रखी।
Source: Barmer News