विशिष्ट न्यायधीश (सीबीआई केसेज) संजय कुमार त्रिपाठी ने इनकम टैक्स और रेलवे के ऑफिसर पति-पत्नी को बड़ी राहत देते हुए क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर मामले को बंद करने का आदेेश दिया है। कोर्ट ने आयकर विभाग के कमिश्नर अलका राजवंशी व रेल विकास निगम लिमिटेड के ग्रुप जनरल मैनेजर अमित जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के तीन वर्ष पुराने बहुचर्चित मामले में सरकारी वकील की ओर से कोई आपत्ति नहीं आने और परिवादी नहीं होने के आधार पर सीबीआई की एफआर को स्वीकार कर केस खत्म कर दिया।
कोर्ट ने आदेश में लिखा कि प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट सूत्र सूचना के आधार पर दर्ज की थी, सीबीआई के अधिकारी ही मुकदमा दर्ज करने वाले है और उन्होंने ही प्रकरण का अनुसंधान किया है। अनुसंधान अधिकारी ने अपना यह निष्कर्ष अंकित किया है कि अधिकारियों की आय केवल 15.82 प्रतिशत ही उनकी मूल आय से अधिक है इसके संबंध में अनुसंधान अधिकारी ने प्रकरण का विस्तृत अनुसंधान करके अपना निष्कर्ष अंकित किया है। अनुसंधान अधिकारी के अनुसंधान से असहमत होने का कोई आधार पत्रावली पर उपलब्ध नहीं है इसलिए एफआर स्वीकार की जाती है। प्रकरण में जो संपत्तियां जब्त की गई है उनसे संबंधित विभागों और अल्का राजवंशी, अमित जैन एवं विकास राजवंशी को लौटाए जाए।
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यह है मामला
तीन वर्ष पूर्व सीबीआई ने सूचना के आधार पर आयकर विभाग उदयपुर में तत्कालीन कमिश्नर अलका राजवंशी व उनके पति अमित जैन के खिलाफ आय से अधिक की संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया। सीबीआई का भारी भरकम आंकड़ों के साथ उस समय मानना था कि दोनों ने आय से 148.53 प्रतिशत अधिक आय अर्जित की। लंबे अनुसंधान के बाद खुद सीबीआई ने ही मान लिया कि संपत्ति केवल 15 प्रतिशत ही अधिक है।
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Source: Jodhpur