जोधपुर. तखतसागर की पहाडिय़ों में स्थित संतों की तपोभूमि सिद्धनाथ मंदिर पर रोप-वे बनाने के जिला प्रशासन के प्रस्ताव को जोधपुर के संत समाज ने एकमत से सहमति प्रदान कर दी है। राईका बाग स्थित युगल जोड़ी बाबा रामदेव मंदिर में सैनाचार्य अचलानंद गिरि की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित संत समाज की बैठक में सिद्धनाथ धाम के प्रमुख महंत मुनेश्वर गिरि ने कहा कि सिद्धनाथ धाम में संचालित गोशाला और पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाए बगैर समीप रोप-वे बना तो खास तौर से दिव्यांग, विकलांग, बुजुर्ग, श्वास की बीमारी या घुटनों के दर्द से पीडि़त श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने के लिए करीब 550 सीढियां चढऩे से निजात मिलेगी।
देसी-विदेशी पर्यटकों को भी तपोभूमि दर्शन का लाभ मिलेगा। सैनाचार्य ने कहा कि रोप-वे लगाने के ऐतिहासिक कार्य का संत समाज स्वागत करता है। सरकार व प्रशासन लाखों लोगों के आस्था स्थल की मर्यादा और परम्परा के साथ स्वच्छता सुनिश्चित करते हुए रोप-वे के निर्माण से कोई दिक्कत नहीं है। चांदपोल बड़ा रामद्वारा के संत हरिराम शास्त्री, चांदपोल जूना रामद्वारा के संत अमृतराम रामस्नेही ने कहा कि सिद्धनाथ तपोभूमि जोधपुर के जन-जन के हृदय में बसी है।
संतों के अनुयायियों में अधिकांश संख्या बुजुर्गों की है। संतों की बरसी पर हर साल देश भर के हजारों साधु-संतों का समागम होता है। रोप-वे लगाने से सभी को राहत मिलेगी और नई पीढ़ी का भी जुड़ाव होगा। जूना खेड़ापति मंदिर महंत रुद्र गिरि ने कहा कि रोप-वे सिद्धनाथ धाम में संचालित सेवा प्रकल्प और धार्मिक गतिविधियों में सहयोगी साबित होगा।
Source: Jodhpur