डरा-सहमा और हत्या के प्रकरण में नामजद होने के कारण भागा-भागा फिर रहा गरीब पिता कलक्टर के सामने आया। उसने ज्ञापन सौंप कर कहा कि उसकी बेटी ने आत्महत्या कर ली। उसको जेसीबी से गड्ढा खोद कर दफना दिया गया। हम सब डरे हुुए थे, क्या करते। मेरी बेटी पुलिस के पास थी, उसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी किसकी थी? मुझे न्याय दो..मेरी बेटी को न्याय दो। इधर, जिला कलक्टर ने पिता के सामने आने के बाद जांच एडीएम को सौंपी है और पुलिस अधीक्षक बालोतरा ने भी अब मामले के गंभीर होने पर डिप्टी पचपदरा को जांच सौंपी है।
नाबालिग के पिता ने जिला कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि पचपदरा थाना पुलिस ने उसकी पुत्री व पुत्र को हिरासत में लेकर उनके साथ मारपीट की। उन्हें हत्या के मामले में ले गए थे। इसके बाद रात को उसकी नाबालिग बेटी को बिना किसी सुरक्षा व काउंसलिंग के नगर परिषद के आश्रय स्थल में छोड़ दिया था, वहां से अगले दिन सुबह बताया गया कि रेलगाड़ी के बाद कूद आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के बाद पुलिस ने मेरे पुत्र को डरा-धमका खाली कागज पर हस्ताक्षर करवा जेसीबी मशीन से गड्ढा खोद मेरी बेटी को दफना दिया। मुझे न्याय दो, मेरी बेटी की सुरक्षा क्यों नहीं की गई। कौन जिम्मेदार था?
कलक्टर ने एडीएम को जांच सौंपी
नाबालिग ने शनिवार को आत्महत्या की थी। कलक्टर ने मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर को प्रशासनिक जांच सौंपी है। मामले को गंभीर बताते हुए कलक्टर ने इसकी निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं।
एसपी ने डिप्टी को जांच सौंपी
पुलिस अधीक्षक हरिशंकर ने इस मामले की जांच पचपदरा पुलिस उपाधीक्षक भूपेन्द्र चौधरी को निर्देश दिए हैं। पुलिस, प्रशासन और एनजीओ ने नाबालिग की मौत को बहुत ही हल्के में लिया। सामान्य आत्महत्या का मामला दर्ज कर इतिश्री कर ली। पत्रिका ने गंभीर लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना तरीके से हुई इस आत्महत्या पर सवाल उठाए। पुलिस व एनजीओ स्तर से हुई लापरवाही पर प्रश्न किए। पत्रिका में प्रकाशित समाचार आश्रय स्थल से निकलकर नाबालिग ने की आत्महत्या, विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता ने कहा-सरकार करवाए मामले की जांच और लापरवाह कौन के बाद प्रशासन हरकत में आया और परिजन भी सामने आए।
क्या है मामला
बालोतरा में 1 फरवरी की रात को एक युवक रेल के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली, इसके साथ एक नाबालिग भी आत्महत्या को आई थी,लेकिन रेल से डरकर पीछे हो गई और बच गई। 2 फरवरी को युवक के परिजन ने इस नाबालिग और उसके परिजनों पर हत्या का मामला दर्ज करवाया। इस पर पुलिस नाबालिग को पूछताछ के लिए ले गई और रात में उसे एक एनजीओ की ओर संचालित आश्रय स्थल को सुपुर्द कर दिया। 3 फरवरी को सुबह 11.30 बजे इस नाबालिग यहां से निकली और रेल के आगे कूदकर उसने भी आत्महत्या कर ली। इस गंभीर मामले के बाद पुलिस ने नाबालिग के भाई से दस्तखत करवाकर शव दफन करवा दिया। नाबालिग पुलिस व आश्रय स्थल के संरक्षण में थी और आत्महत्या कर ली, इस गंभीर मामले पर सभी ने परदा डाल दिया।
कलक्टर ने कहा- मामला गंभीर
नाबालिग की आत्महत्या का प्रकरण गंभीर है। पूरे प्रकरण की प्रशासनिक जांच के लिए बालोतरा एडीएम को निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
– सुशीलकुमार यादव, जिला कलक्टर बालोतरा
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एसपी बोले-लापरवाही हुई है
आश्रयस्थल से निकल कर नाबालिग के आत्महत्या के मामले में किस स्तर पर लापरवाही हुई है, इसकी जांच के लिए पचपदरा पुलिस उप अधीक्षक को निर्देंश दिए हैं।
– हरिशंकर, जिला पुलिस अधीक्षक बालोतरा
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Source: Barmer News