बाड़मेर.
राज्य में उच्च शिक्षा के इससे बुरे हाल क्या होंगे कि गुड़ामालानी के एक सरकारी स्नातकोत्तर कॉलेज में 2021 से एक प्रोफेसर ही नियुक्त है और 400 विद्यार्थी पढ़ रहे है। इस कस्बे के प्राथमिक स्कूल से तुलना करेें तो वहां अभी 12 शिक्षक है, यानि कॉलेज की हालत तो प्राइमरी स्कूल से भी राब हालत है। उपखण्ड और विधानसभा मुख्यालय के इस कॉलेज में गेस्ट फेकल्टी के भी शिक्षक नहीं दिए गए है। यहां न क्लास लगती है और न पढ़ाई होती है। केवल इंतजार हो रहा है, दो साल से कि लेक्चरर आएंगे तो पढ़ाएंगे।
गुड़ामालानी का यह कॉलेज 2013 में स्वीकृत हुआ। इसको बाद में क्रमोन्नत कर स्नातकोत्तर कर दिया गया। 400 छात्रों के लिए बैठने को भवन भी बना दिया गया लेकिन यहां 2021 से पहले तो दो-तीन गेस्ट फैकल्टी में लेक्चरर थे लेकिन अब तो वो भी नहीं। एकमात्र हिन्दी के प्रोफेसर हैै, जिनको कार्यवाहक प्रिंसिपल का काम दिया हुआ है। शेष राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, संस्कृत और अंग्रेजी विषय के लेक्चरर ही नहीं है।
सरकार को सब पता
राज्य सरकार को प्रतिमाह सूचना पहुंचती है। उच्च शिक्षा के अधिकारी भी यहां सब जानते है। यह तीसरा सत्र केवल एक प्रोफेसर के भरोसे चल रहा है, इससे पूर्व भी अधिकांश पद रिक्त ही रहे है।
400 विद्यार्थी, छात्राएं ज्यादा
महाविद्यालय में 400 छात्र है और इसमें छात्राएं 70 प्रतिशत तक हैै। आसपास में दूसरा सरकारी कॉलेज नहीं होनेे से विद्यार्थियों ने यहां दाखिला लिया है लेकिन वे इस उम्मीद में रहते है कि आज नहीं तो कल लेक्चरर आएंगे।
लिपिक भी नहीं आ रहा
यहां नियुक्त लिपिक भी मई माह के बाद में नहीं आया है। ऐसे में लिपिक का काम भी कार्यवाहक प्राचार्य के भरोसे हो रहा है। कार्यवाहक प्राचार्य कॉलेज की नियमित सूचनाएं पूूरी करने में ही रहते है।
पदरिक्त है और पढ़ाई नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति तो जब हम प्राइमरी स्कूल में पढ़ते थे, तब भी नहीं थी।
– पूजा शर्मा, बी ए फाइनल
पांच बार से अधिक धरने-प्रदर्शन कर दिए। आश्वासन मिले लेकिन आज तक प्रोफेसर नहीं मिले।
– भावना जीगनर बीए फाइनल
स्थितियां तो यही है
एक मैं ही हूं और कोई पढ़ाने वाला नहीं है। सूचना हर महीने भेजते है। अब नियुुक्ति हों तो बात बनें।
– सोहनलाल कड़ेल
Source: Barmer News