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अमित दवे
राजस्थान में भारतीय रेलवे का एक अनोखा स्टेशन है, जहां दो प्लेटफॉर्म के बीच की दूरी डेढ़ किलोमीटर की है। यह स्टेशन जोधपुर रेल मण्डल का मेड़ता रोड जंक्शन है। जहां स्टेशन पर तीन प्लेटफॉर्म बने हुए हैं, जबकि इस स्टेशन का चौथा प्लेटफॉर्म करीब डेढ़ किमी दूर जंगल में बीकानेर बाइपास पर बना है। रेलवे ऐप आईआरसीटीसी व एनटीइएस पर भी इसकी मौजूदगी नहीं है। रेलवे ऐप पर भी सभी गाड़ियों के मुख्य स्टेशन से ही संचालन की जानकारी दी जाती है। जब यात्री स्टेशन पहुंचता है, तो उसे पता चलता है कि गाड़ी डेढ़ किमी दूरी पर बने बाइपास प्लेटफॉर्म पर आ रही है। यात्रियों को इस बाइपास स्टेशन पर पहुंचने के लिए बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है । 20 अगस्त 2019 से यहां जयपुर से बीकानेर की तरफ से आने-जाने वाली ट्रेनों का ठहराव होता है।

न्यूनतम सुविधाएं तक नहीं
इस प्लेटफॉर्म पर जो न्यूनतम सुविधाएं एनएसजी 4 श्रेणी के स्टेशनों पर होनी चाहिए, वह नहीं हैं। प्लेटफार्म का मुख्य द्वार तक नहीं है। यात्री पटरी किनारे चलकर प्लेटफॉर्म पर पहुंचते हैं।

अलग स्टेशन कोड जारी करने चाहिए
आरटीआई कार्यकर्ता दीनदयाल बंग ने बताया कि रेलवे की ओर से बताया जाने वाला प्लेटफॉर्म 4 वास्तव में एक अलग स्टेशन है। इसका अलग स्टेशन कोड जारी करना चाहिए अन्यथा इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों का ठहराव बंद होना चाहिए, ताकि लोगों को परेशानी न हो।

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लोगों की सुविधा के लिए बाइपास प्लेटफॉर्म बनाया गया है। बाइपास प्लेटफॉर्म बनने से ट्रेनें रुकने लगी हैं व लोगों को बीकानेर की तरफ आने-जाने की सुविधा हो गई है।
पंकजकुमार सिंह, डीआरएम, जोधपुर

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Source: Jodhpur

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