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जोधपुर. राजकीय महाविद्यालय जोधपुर में शुक्रवार को दो दिवसीय संभाग स्तरीय शिक्षक दक्षता संवद्र्धन कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। नवाचार एवं कौशल प्रकोष्ठ के प्रभारी अधिकारी डॉ. विनोद कुमार भारद्वाज और जोधपुर के सहायक निदेशक डॉ. अनीता कोठारी ने उद्घाटन किया। कार्यशाला में जोधपुर संभाग के २६ राजकीय महाविद्यालयों के 30 नवनियुक्त सहायक आचार्यों ने भाग लिया। कार्यशाला का मूल उद्देश्य नवनियुक्त सहायक आचार्यों की दक्षता का संवद्र्धन और बहुमुखी व्यक्तित्व का विकास करना है। जोधपुर संभाग में इसके सफल आयोजन के बाद इसे प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जाएगा।
कार्यशाला के प्रथम सत्र में संयुक्त निदेशक डॉ. विनोद कुमार भारद्वाज ने कार्यशाला के प्रारुप और उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए शिक्षक की भूमिका का विस्तृत परिचय दिया और वर्तमान परिप्रेक्ष्य के अनुरुप योग्यताओं को विकसित करने और उनके द्वारा समग्र देश की उन्नति में अपनी भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया। द्वितीय सत्र में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के डॉ. सुनील परिहार ने ‘शिक्षण में प्रौद्यौगिक अनुप्रयोग एवं आवश्यकताएं Ó विषय पर नई तकनीकों की शिक्षण में उपयोगिता पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। तृतीय सत्र में नवाचार एवं कौशल प्रकोष्ठ के प्रभारी अधिकारी डॉ. विनोद कुमार भारद्वाज ने ‘उत्कृष्ट संस्था का स्वप्न Óविषय पर व्याख्यान किया, जिसमें उन्होंने बताया कि किसी भी संस्था को उन्नति के शिखर पर पहुँचाने में उसके सदस्यों का विशेष समर्पण और सहयोग प्रभावी भूमिका निभाता है। चतुर्थ सत्र में लक्की इन्स्टीट्यूट के प्राचार्य डॉ. अर्जुन सिंह सांखला ने ‘व्यक्तित्व विकास के विभिन्न आयामÓ विषय पर बताया। पांचवे सत्र में ऐश्वर्या कॉलेज के निदेशक प्रो. एके मलिक ने ‘संवाद कौशलÓ विषय पर अपने विचार प्रकट किए। कार्यशाला के छठे सत्र में महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. मनोरमा उपाध्याय ने ‘महाविद्यालयी दायित्व एवं अपेक्षाएंÓ विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यशाला के प्रथम दिवस के अन्त में महाविद्यालय के प्राचार्य ने डॉ. नितिन राज ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

Source: Jodhpur

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