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जोधपुर.
केन्द्र सरकार की दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डे-एनयूएलएम) की प्रदेश में सुस्त चाल को खुद डीएलबी भी मान रहा है। किसी प्रकार का नवाचार तो दूर तय लक्ष्य भी अर्जित करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए महाराष्ट्र की एक निजी फर्म प्रदेश के अलग-अलग निकायों में एक्सपर्ट लगाने की तैयारी कर ली है। प्रदेश में कुल 24 बीएसए विशेषज्ञ एवं 5 सामुदाययिक संगठकों को विशेषज्ञ के तौर पर उपयोग में लिया जाएगा।

डे-एनयूएलएम के तहत शहरी जरूरतमंद लोगों को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए कई सुविधाएं दी जाती है। स्किल डवलपमेंट, सेल्फ एम्पालॉयमेंट प्रोग्राम और उद्यम के लिए ऋण जैसे कार्य नगरीय निकायों को करने हैं। साथ ही वेंडर्स के लिए भी सुविधाएं इसी योजना में विकसित की जाती है। लेकिन प्रदेश के अधिकांश निकाय इस व्यवस्था को लागू नहीं कर पा रहे। जिन्होंने लागू की, वहां भी लक्ष्य तक नहीं पहुंची। इसीलिए अब निदेशालय स्थानीय निकाय ने महाराष्ट्र की कंपनी से एमओयू किया है।

बीएसए के 24 तकनीकी विशेषज्ञ
बारां – 1

बीकानेर – 3
बांसवाड़ा – 2

कोटा – 1
जयपुर – 2

करौली – 1
बूंदी – 2

धौलपुर – 1
अजमेर – 2

बाड़मेर – 1
राजसमंद – 1

प्रतापगढ़ – 2
चितौडगढ़़ – 1

जोधपुर – 2
जालोर – 1

डूंगरपुर – 1
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एक्सपर्ट रखेंगे नजर और सरकार को करेंगे रिपोर्ट

16 निकायों में 24 एक्सपर्ट वहां की एनयूएलएम गतिविधियों पर नजर रखेंगे। साथ ही गरीब तबके के लोगों को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए शहरों का लक्ष्य पूरा करेंगे। साथ ही स्किल डवलपमेंट पर भी काम करेंगे। यह एक्सपर्ट संबंधित कंपनी के जरिये सरकार को रिपोर्ट भी करेंगे।

Source: Jodhpur

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