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बालोतरा. सिवाना में लोग पानी की समस्या से त्रस्त हैं और इसके स्थायी समाधान के लिए आंदोलनरत हैं। बावजूद सरकार व प्रशासन नींद में सोया हुआ है। पानी के लिए मुख्यमंत्री, जलदाय मंत्री, कलक्टर तक से मांग की गई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने 14 माह हुए हैं लेकिन अभी तक सिवाना के लिए बनी पोकरण- फलसुंड -बालोतरा- सिवाना पेयजल परियोजना का कार्य करवाने को लेकर बजट आंवटित नहीं किया है।

सिवाना में दस किमी पाइप लाइन व सिणधरी में 400 मीटर पाइप लाइन का कार्य, सहित अन्य कार्य अधूरा पड़ा है। सरकार जन व किसान विरोधी है।

टिड्डी जैसी प्राकृतिक आपदा में सरकार ने किसानों को राम भरोसे छोड़ दिया। इस पर किसान सदमे में आकर अपनी जान गंवाने पर मजबूर हुए। किसानों को अनुदान के नाम पर कुछ नहीं मिल पाया है।

जबकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने किसानों को 2015 में प्राकृतिक आपदा के दौरान 33 प्रतिशत से लेकर 75 प्रतिशत फ सल खराबे का एक पखवाड़े में अनुदान दिया था।

दस हजार रुपए का ऋण सहकारिता के माध्यम से माफ किया था। लेकिन वर्तमान सरकार ने अभी तक किसानों को प्राकृतिक आपदा का अनुदान नही दिया है। वर्तमान सरकार ने मध्यम वर्ग पर विद्युत बिलों में बढ़ोतरी कर आर्थिक भार डाल दिया है।

उन्होंने कहा कि सिवाना जलदाय विभाग की ओर से सिवाना को शहरी योजना में शामिल कर वर्षों से बिलों के माध्यम ये उपभोक्ता से अधिक राशि वसूली जा रही है।

इसे वे विधानसभा में रखेंगे। सरकार व प्रशासन ने समय रहते सिवाना में पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए परियोजना का बंद कार्य प्रारंभ नहीं किया तो वे 10 फरवरी को विधानसभा में अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ करेंगे।

Source: Barmer News

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