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जोधपुर।

आयकर विभाग गलत जानकारी देकर, फर्जी क्लेम कर रिफण्ड उठाने वाले करदाताओं पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसमें सेना, अद्र्ध सैनिक बलो व विभिन्न सरकारी विभागों के वेतनभोगी करदाता कर्मचारी शामिल है, जिन्होंने विभिन्न तरीकों से गलत जानकारी देकर रिफण्ड उठाने का सिलसिला बना दिया है। विभाग की ऐसे करदाताओं पर पैनी नजर है। विभाग ऐसे मामलों की स्टडी कर रहा है। मुख्य आयकर आयुक्त शिशिर झा ने कहा कि विभाग के पास ऐसे छोटे-.छोटे केस बड़ी संख्या में आए है। जिनकी जांच कराई जा रही है। इसके बाद विभागीय टीमें बाड़मेर-जैसलमेर में काम कर रही है।

900 करोड़ का रिफण्ड भुगतान किया

झा ने बताया कि विभाग की ओर से जोधपुर रेंज में अप्रेल 2019 से 31 जनवरी 2020 तक 918 करोड़ रुपयों का रिफण्ड चुकाया जा चुका है। जबकि पिछले पूरे वर्ष 760 करोड़ रुपयों का रिफण्ड चुकाया गया था। झा ने बताया कि अब करदाता बढ़े है, तो रिफण्ड भुगतान भी बढ़ा है। ऐसे में फर्जी क्लेम करने वाले भी बढ़ गए।

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300 प्रतिशत तक की पेनल्टी

झा ने कहा कि जांच के बाद फ्रॉड कर फ र्जी रिफण्ड का दावा करने वाले व रिफण्ड उठाने वालों पर कार्यवाही की जाएगी। इसमें विभाग रिफ ंड राशि के साथ 100 से 300 प्रतिशत तक पेनल्टी वसूल करगा। साथ ही, लगातार फर्जी तरीकों से रिफण्ड उठाने वाले मामले सामने आने पर ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे।

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इस तरह करते है फर्जी रिफण्ड क्लेम

– सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के दिव्यांग बच्चा नहीं है, मगर रिटर्न में आयकर एक्ट की धारा 80 डीडी के तहत दिव्यांग का क्लेम रिफ ंड के लिए पेश करना।

– दान दिए बिना ही अथवा कम देकर अधिक दान बताकर फ र्जी क्लेम पेश करना।

– किराए का मकान बताकर रिफ ंड क्लेम पेश करना।

– हाउसिंग लोन, मेडिकल के नाम पर फर्जी क्लेम कर रिफण्ड के मामले सामने आए है।

Source: Jodhpur

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