बाड़मेर. सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत निर्धारित समयावधि में जानकारी नहीं देना ग्राम विकास अधिकारी को भारी पड़ गया।
राज्य सूचना आयोग ने इसे लापरवाही करार देते हुए अधिकारी पर प्रत्येक सूचना के आधार पर 25 हजार के हिसाब से 1 लाख 75 हजार का जुर्माना लगाया। इसके अलावा जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं।
राज्य सूचना आयोग सूचना आयुक्त लक्ष्मणसिंह राठौड़ की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि परिवादी भजनलाल विश्रोई निवासी धोरीमन्ना की ओर से ग्राम पंचायत धोरीमन्ना में सूचनाएं प्राप्त करने के लिए आवेदन किया।
लेकिन सूचना नहीं मिलने पर परिवादी ने 20 अगस्त 2018 में द्वितीय अपील कर राज्य आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया। परिवादी ने आवेदन में 1 जनवरी 2003 से माह जुलाई तक की जानकारी चाही गई थी कि इस अवधि में जारी किए गए पट्टों की सूचना व बैंक खातों की जानकारी उपलब्ध करवाएं।
सूचना नहीं मिलने पर राज्य आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत धोरीमन्ना को दोषी मानते हुए प्रत्येक सूचना पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। परिवादी की ओर से 7 आवेदन प्रस्तुत किए गए थे। प्रत्येक आवेदन अनुसार ग्राम विकास अधिकारी पर 1 लाख 75 हजार का जुर्माना लगाया है।
यह मांगी थी सूचनाएं
परिवादी ने अलग-अलग आरटीआई आवेदन प्रस्तुत कर ग्राम पंचायत का रेकॉर्ड मांगा था। जिसमें ग्राम पंचायत की ओर से जारी पट्टा पत्रावलियां, विकास कार्य की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति सहित रेकॉर्ड मांगा था। लेकिन ग्राम पंचायत ने आवेदन पर सुनवाई न करते हुए खानापूर्ति कर दी गई।
Source: Barmer News