बाड़मेर. सीमावर्ती बाड़मेर की रूमादेवी ने कहा कि महिलाएं जब आगे बढऩे की पहल करती है तो धीरे-धीरे सहयोग अवश्य मिलने लगता है। परिवार और समाज आपके अग्रसर होने पर उसमें भागीदार बनते हैं।
अमरीका की हार्वर्ड यूनिवसिर्टी में आयोजित दो दिवसीय इंडिया कांफ्रेंस में रविवार को बतौर स्पीकर रूमादेवी ने महिला सशक्तिकरण व प्रभावी नेतृत्व पर व्याख्यान में भारत में महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसरों के बारे में बताया। उन्होंने अपने संघर्ष और यहां तक पहुंचने की कहानी को हार्वर्ड के मंच से साझा किया।
गांवों से रोकना होगा पलायन
उन्होंने कहा कि शहरों की ओर से पलायन को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अवसर बढ़ाने की जरूरत है। गांव में लोगों को स्वरोजगार से जोड़कर हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलने से सशक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है।
सम्मान पत्र का वाचन
कांफ्रेंस के दौरान रूमादेवी की उपलब्धियों पर हार्वर्ड द्वारा सम्मान पत्र का वाचन किया गया। जिसमें बाड़मेर की रूमादेवी को भारत में महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण बताया गया।
हिंदी में दिया उद्बोधन
रूमादेवी कांफ्रेंस में परम्परागत राजस्थानी वेशभूषा में पहुंची। वहीं उन्होंने मारवाड़ी में अभिवादन करते हुए हिंदी में उद्बोधन दिया। इससे पहले उन्होंने महिलाओं की भूमिका पर आयोजित समूह चर्चा में भी भाग लिया।
Source: Barmer News