Posted on

जोधपुर.मैं छत पे जा के हर पिंजरे की खिड़की खोल आया हूं, मुहब्बत में कभी जंजीर पहनाई नहीं जाती…। युवाओं और सोशल साइट्स पर लोकप्रिय शाइर फानी जोधपुरी ( Fani jodhpuri ) ने एेसे खूबसूरत अशआर पेश कर सुधि श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। पर्यटन लेखक संघ और महफिले-अदब की साझा मेजबानी में बीकानेर के मरुधर हैरिटेज में एकल काव्य पाठ ( solo poetry recital ) कर रहे थे। फानी ने तहत और तरन्नुम में कई गजलें पेश कर श्रोताओं से खूब दाद पाई। उन्होंने…सहरा गुलशन खेत समन्दर मत देखो, नक्शे हो नक्शे से बाहर मत देखो…और…शायद मेरे फोन को हिचकी आ जाए, अपने फोन पे मेरा नम्बर मत देखो,..झांका तो इस कुंए में तुम गिर जाओगे, क्या रक्खा है मेरे अंदर मत देखो…पेश कर रंग जमाया। फानी की शाइरी पर डॉ जिया उल हसन कादरी ने कहा कि फानी अपने समय से संवाद करते हैं। वो खुद से भी बात करते हैं और सामाजिक सरोकार भी रखते हैं। ये ही खूबियां उनकी शाइरी में तासीर पैदा करती हैं। कार्यक्रम में मेहमान शाइर का शाल,साफा पहनाकर और माल्यार्पण कर के सम्मान किया किया गया। इस मौके बड़ी संख्या में साहित्यकार और साहित्यप्रेमी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन असद अली असद ने किया।

Source: Jodhpur

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *