जोधपुर.
देवनगर थानान्तर्गत श्याम नगर स्थित बेशकीमती विवादित भूखण्ड पर बगैर किसी आदेश के एक पक्ष को कब्जा दिलाने के मामले में पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार ने आदेश जारी कर थानाधिकारी सत्यप्रकाश व उपनिरीक्षक सुखराम को लाइन हाजिर कर दिया। 70 हजार रुपए जमा कराए जाने के बाद पुलिस लाइन से एक अधिकारी व दस जवानों का जाब्ता मुहैया कराने पर भूखण्ड पर कब्जा दिलाया गया था।
व्यवसायी प्रमोद पित्ती ने बताया कि श्याम नगर में जेडीए से उसे दो भूखण्ड आवंटित हैं। इन भूखण्डों पर वर्षों से काबिज भी हैं। भूखण्ड को लेकर श्याम नगर में रहने वाले कुछ लोगों से विवाद है। गत दिनों जेडीए ने एक भूखण्ड का माप कर मुटाम लगाने के आदेश जारी किए थे। जबकि श्याम नगर का प्रमाणित नक्शा तक नहीं है और किसी भी भूखण्ड के मुटाम नहीं लगे हैं।
इस आदेश पर देवनगर थाना पुलिस ने पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) कार्यालय को पत्र लिखकर एक अधिकारी व दस जवान का जाब्ता मुहैया कराने की मांग की। पत्र को पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय व यातायात) कार्यालय फॉरवर्ड किया गया और उस आधार पर जाब्ता मुहैया भी करा दिया गया। बदले में दूसरे पक्ष ने करीब सत्तर हजार रुपए जमा कराए थे।
गत माह उप निरीक्षक व दस जवानों की सुरक्षा के बीच दूसरे पक्ष ने जेसीबी की मदद से भूखण्ड खाली कराने के साथ ही कब्जा भी कर लिया था। भूखण्ड के चारों तरफ लोहे की चद्दरें खड़ी कर दी गईं थी।
इसका पता लगने पर जेडीए के मूल आवंटी ने पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार से शिकायत की। साथ ही मामले की जांच पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय व यातायात) कालूराम रावत को सौंपी। जांच रिपोर्ट के आधार पर थानाधिकारी सत्यप्रकाश को लाइन हाजिर करने के आदेश जारी किए गए। देर रात उप निरीक्षक सुखराम को भी थाने से हटा दिया गया।
कॉलोनी का प्रमाणित नक्शा ही नहीं : पीडि़त
व्यवसायी का कहना है कि जेडीए से बीस-बाइस वर्ष पूर्व श्याम नगर में २२४ व २३१ नम्बर के दो भूखण्ड आवंटित किए गए थे। विरोधी पक्ष ने कहीं से एक अन्य भूखण्ड के दस्तावेज प्राप्त किए थे। उस पर जेडीए ने माप कर मुटाम लगाने के आदेश जारी कर दिए थे। जबकि श्याम नगर का प्रमाणित नक्शा ही नहीं है।
कानून-व्यवस्था के लिए मांगा था जाब्ता
‘भूखण्ड को लेकर विवाद की परिवाद की जांच चल रही थी। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जाब्ते की मांग की गई थी।’
सत्यप्रकाश, पुलिस निरीक्षक, जोधपुर।
लापरवाही जांच कराई गई थी…
‘इस संबंध में लापरवाही की बात सामने आई थी। जिसके चलते जांच कराई गई थी।’
प्रीति चन्द्रा, पुलिस उपायुक्त (पश्चिम), जोधपुर।
Source: Jodhpur