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शिव. आजादी से पहले शिव में थाना लगता था, देश स्वतंत्र हुआ तो सरकार ने भी थाना यथावत रखा। करीब 58 साल तक प्रदेश सरकार का थाना यहां चला, जिसके बाद नया भवन बना तो वहां स्थानांतरित कर दिया। थाना जाते ही पुराना भवन रामभरोसे हो गया। करीब पन्द्रह साल से बंद पुराने थाने का भवन अब कचरा पाइंट बन चुका है, एेतिहासिक भवन जर्जर हो रहा है, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं। एेसे में वह दिन दूर नहीं जब यह खंडहर में बदल जाए।

आजादी से पूर्व उपखंड मुख्यालय पर पुलिस थाने का निर्माण हुआ था। देश आजाद हुआ तो अंग्रेजों के शासन की व्यवस्था खत्म हो गई और प्रदेश सरकार ने पुलिस प्रशासन लगाया। प्रदेश सरकार ने भी उसी भवन में थाना शुरू रखा। आजादी के करीब 58 साल तक पुराने भवन में थाना चलता रहा। इसके बाद पन्द्रह साल पहले बीएडीपी योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग 68 पर उपखंड कार्यालय के सामने नए पुलिस थाने का भवन बना तो इस पर ताले लग गए। पुराने भवन पर ताले लगते ही यह उपेक्षा का शिकार हो गया। धीरे-धीरे लोग यहां कचरा डालने लगे तो बरसाती पानी की निकासी नहीं होने व गंदा पानी साथ आने से यहां जमाव हो गया।

हाइवे विस्तारीकरण के बाद बढ़ी समस्या-
हाइवे विस्तारीकरण के दौरान पुराने पुलिस थाने के पास ही ऊंचाई में पानी निकासी के लिए नाला बनने से यहां अंदर प्रवेश करना भी मुश्किल हो गया। ऐसे में पानी निकासी नहीं हो रही है, जिससे बरसाती पानी भी वर्षभर जमा रहता है। कीटाणु, जीवाणुओं के पनपने से विभिन्न बीमारियों का अंदेशा रहता है।

जोधपुर रियासत की सम्पत्ति- .ग्रामीणों ने बताया की आजादी से पूर्व निर्मित पुलिस थाने पर जोधपुर रियासत का अधिकार था। इसको लेकर न्यायालय में वाद चला,जिसमें भी इसे रियासत की सम्पत्ति मान कर फैसला उसके पक्ष में दिया गया।

कस्बे के मध्य स्थित पुराने पुलिस थाना भवन की स्थिति खराब है। इसकी समय रहते सुध नहीं ली तो खंडहर हो सकता है।-

डॉ. अभयसिंह, जिला उपाध्यक्ष खाद-बीज विक्रेता संघ

लोगों को करेंगे पाबंद- पुराने पुलिस थाना भवन में कोई ग्रामीण या व्यापारी कचरा डाल रहे हैं तो उन्हें पाबंद करने के साथ ही एक एकत्रित पानी निकासी की भी उचित व्यवस्था करवाई जाएगी।- विक्रमसिंह सांदु, थानाधिकारी शिव

Source: Barmer News

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