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बाड़मेर. पशुपालन को बढ़ावा देने और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान योजना अब कार्यगार होती साबित हो रही है। यहां पशुपालन की ओर से करवाएं गए दूसरी बार सर्वे में अब 200 गांवों का चयन हुआ है।

ऐेसे में अब पशुपालकों को योजना से मिलने वाली सुविधाओं से आय बढऩे की उम्मीद जगी है। बाड़मेर जिले के अंधिकाश परिवार पशुपालन कर आजीविका संभाल रहे है। योजना के तहत पशुपालन विभाग पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए कृत्रिम गर्भाधान योजना के तहत काम कर रहा है।

बाड़मेर जिले की 7 विधानसभा में 200 गांव चयनित किए गए है। जहां विभाग पशुओं की नस्ल सुधार के लिए कार्यक्रम आयोजित करेगा। इससे गाय-भैंस दुग्ध उत्पादकता दो गुनी हो जाएगी। योजना के तहत सरकार ने बजट भी जारी किया है।

योजना का उद्देश्य

– किसानों के घर-द्वार पर कृत्रिम रूप से बेहतर कृत्रिम गर्भाधान सेवा का वितरण
– 10 वर्ष की अवधि के भीतर उच्च गुणवत्ता वाले बैल द्वारा कृत्रिम गर्भाधान या प्राकृतिक सेवा के माध्यम से संगठित प्रजनन के तहत मवेशियों एवं भैंसों के बीच सभी प्रजनन योग्य मादाओं का लाना
– देशी मवेशियों और भैंसों की नस्ल सुधार कार्यक्र्रम
– 200 गांव चयनित किए है
– कृत्रिम गर्भाधान योजना के तहत दुबारा सर्वे करवाया है। जिले की 7 विधानसभा में 200 गांव चयनित किए है। जल्द योजना के तहत काम शुरू होगा। इससे पशुपालकों की आय बढ़ेगी। दुग्ध उत्पादकता बढ़ जाएगी।

– डॉ.गंगाधर शर्मा, उप निदेशक, पशुपालन विभाग, बाड़मेर

Source: Barmer News

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