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गजेंद्रसिंह दहिया/जोधपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर भी जुटी हुई है। रक्षा प्रयोगशाला लैब में कई लीटर सेनेटाइजर बनाकर आर्मी को वितरित किया है ताकि आर्मी द्वारा बनाए गए वेलनेस सेंटर में इसका उपयोग किया जा सके। इसके अलावा डीआरडीओ अब अपनी लैब में एरिया सेनेटाइज करने की सस्ती तकनीक विकसित करने जा रहा है। लैब टेस्ट के बाद यह तकनीक आर्मी को दे दी जाएगी ताकि आर्मी अपने क्षेत्र के अलावा सिविल में भी इसका उपयोग कर सकेगी।

डीआरडीओ जोधपुर मुख्य रूप से न्यूक्लियर साइंस पर कार्य करता है। कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते फिलहाल अधिकांश वैज्ञानिक वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। डीआरडीओ दिल्ली के महानिदेशक डॉ. जी सतीश रेड्डी द्वारा कोरोना से निपटने के लिए आगे आने आह्वान करने के बाद देशभर की डीआरडीओ लेबोरेट्रीज भी रुटिन से हटकर अलग-अलग काम करने में लग गई है। अपनी क्षमता के अनुसार डीआरडीओ के वैज्ञानिक भी केंद्र सरकार को कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए सहयोग कर रहे हैं।

जैसलमेर व जोधपुर वेलनेस सेंटर में गया सेनेटाइजर
आर्मी के द्वारा राजस्थान में सबसे पहले जैसलमेर मिलिट्री स्टेशन में वेलनेस सेंटर बनाकर वर्तमान में 484 भारतीयों को रखा गया है जिन्हें ईरान से रेस्क्यू करके लाया गया है। हाल ही में जोधपुर मिलिट्री स्टेशन में भी 277 भारतीय लाए गए हैं, जिन्हें क्वारेंटाइन सुविधा दी जा रही है। इन दोनों ही कैंप में प्रतिदिन सेनेटाइजर की जरुरत पड़ती है। हर दो-तीन दिन में एरिया सेनेटाइज करना पड़ता है। डीआरडीओ ने दोनों ही वेलनेस सेंटर में सेनेटाइजर बनाकर वितरित किया है ताकि आर्मी को परेशानी नहीं होगी।

मोबाइल केमिकल स्प्रे से टेस्टिंग
हम लोग लैब में एरिया सेनेटाइज करने के लिए मोबाइल केमिकल स्प्रे का उपयोग करेंगे। कोशिश करेंगे कि सस्ती तकनीक विकसित हो। उसके बाद आर्मी को दे देंगे जिससे एरिया सेनेटाइज करने में मदद मिलेगी।
-डॉ. रविंद्र कुमार, निदेशक, रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर

Source: Jodhpur

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