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दिलीप दवे/ ओम माली
पश्चिमी सीमा बाड़मेर
बाड़मेर पाक से लगती बाड़मेर जिले की पश्चिमी सीमा सीमा पर तैनात सहद के जवान एक और जहां सरहद की चौकस रखवाली कर रहे हैं तो दूसरी ओर अपने और अपने साथियों को कोरोना वायरस से बचाने के जतन भी करते हैं। सीमा के रखवाले न केवल खुद की रक्षा कर रहे हैं वरन आस-पास के गांव वालों को भी कोरोना वायरस की जानकारी देते हुए सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। यही कारण है कि सरहद के गांवों में लोगों में कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता देखी जा सकती है।
बाड़मेर जिला पाकिस्तान से लगता है यहां की सीमा पर सीमा सुरक्षा बल निगाहें रखे हुए हुए हैं। हर समय देश की सीमा की रखवाली करने वाले जवान कोरोना वायरस के खतरे से भी अनजान नहीं है वे इसमें अतिरिक्त सावधानी बरते हुए जो भी सुरक्षा उपाय हैं, उन्हें अपना रहे हैं। सरहद पर पहरा देने जाते वक्त और वापसी में आते ही सभी जवान सैनेटाइज होकर ही चौकी पर प्रवेश करते हैं। इतना ही नहीं वे सीमा रखवाली के दौरान भी मुंह पर मास्क होता है तो दुश्मन की के नापाक इरादों का मुहं तोड़ जवाब देने के लिए हाथ में हथियार। इसी का ही नतीजा है कि सीमा सुरक्षा बल में देश के विभिन्न प्रांतों के सैनिक होने के बावजूद यहां अभी तक नजर नहीं आती है। इतना ही नहीं आपसी बात से बातचीत के दौरान भी यह लोग एक दूसरे से दूरी बनाए रखते हैं।
लोगों को भी कर रहे जागरूक-
बीएसएफ के जवान ना केवल खुद की और खुद के साथियों की चिंता कर रहे हैं फौरन अपने आसपास रहने वाले ग्रामीणों को भी कोरोना को लेकर जागरूक करने का काम ही कर रहे हैं। यही कारण है कि गांव में भी लोग गांव का असर है विशेषकर बीएसएफ चौकी के आस-पास के गांव में लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। एक दूसरे से बात करते वक्त दूरी बनाए रख रहे हैं तो दुकाने बंद है । अनावश्यक रूप से घरों से बाहर भी नहीं निकल रहे हैं
बाटे मास्क बीएसएफ के जवानों ने सीमा क्षेत्र की विभिन्न ढाणियों में रहने वाले ग्रामीणों को पूरा वायरस से बचने के उपाय बताते हुए मास्क बांटे और एक दूसरे से दूर रहने को कही।

Source: Barmer News

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