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बाड़मेर. कोरोना को लेकर लॉकडाउन के इस दौर में कई माननीय ने खुद को पूर्णतया लॉक डाउन कर लिया है तो कुछ अभी भी लोगों के बीच भाग दौड़ में लगे हैं। जनता की मदद का इनका अपना तरीका इजाद किया हुआ है। इसमें अधिकांश ने अभी फोन पर ही प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी देने व लोगों तक पहुंचने का तरीका बनाया हुआ है। जाने अभी कहां है बाड़मेर जिले के विधायक…।

मेवाराम जैन, बाड़मेर

दिनचर्या – प्रशासन चिकित्सा विभाग और भामाशाह के साथ भाग दौड़।

अलग : घर पर रहने की सलाह को नहीं माना। खुद प्रशासन के साथ लोगों तक पहुंच कर मदद कर रहे हैं। चिकित्सालय का निरीक्षण प्रतिदिन। प्रवासियों की मदद के लिए अहमदाबाद तक जाकर आए। बाड़मेर में ईरान से भारतीय नागरिकों को लाने की जानकारी मिली तो विरोध दर्ज करवाया।

लोगों के सड़कों फोन रोज रहे हैं। जरूरतमंद की मदद के लिए फोन पर प्रशासन को समझाना मुश्किल है। जब इतने सारे प्रशासनिक अधिकारी और चिकित्साकर्मी भागदौड़ कर रहे हैं तो विधायक को क्या हो जाएगा ? हमें भीड़ नहीं करनी है काम तो करना ही है
– मेवाराम जैन, बाड़मेर

कहां है – पदमाराम मेघवाल, फागलिया चौहटन

दिनचर्या : प्रशासन, चिकित्सा विभाग और भामाशाह के ससथ दिन भर सूचनाओं का टेलीफोन पर आदान-प्रदान।

अलग : अधिकतम समय घर में ही रहते हैं। घर पर रहने की सलाह को माना है। रोजाना 4 घंटे का समय बाहर बिताते है। गांवों में सोशल डिस्टेंस के प्रचार-प्रसार पर आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। कार्यकर्ताओं से प्रतिदिन बात होती है।

प्रयास ये है कि क्षेत्र में कोई भूखा नहीं रहे। इसके लिए हर गांव के कार्यकर्ता से सूचि ली हैं। इसके लिए अधिकारियों से बात की जा रही है। अभी तक कोई कोरोना पॉजिटिव भी आया है, यह सुकून की बात है कहां है।

मदन प्रजापत – कहा हैं – बालोतरा
दिनचर्या : जरूरतमंदों की मदद व सहयोग राशि के लिए उद्यमियों, समाजसेवियों, दानदाताओं को प्रेरित करना। चिकित्सकों से व्यवस्थाओं व हर दिन संदिग्धों लेकर चर्चा, ग्रामीणों से दूरभाष पर सम्पर्क।

अलग : 2000 खाने के पैकेट प्रतिदिन तैयार करवाकर बालोतरा शहर में घर-घर पहुंचाने का इंतजाम अपने घर से। इसके लिए टीम बनाकर कार्य। घर में रहने के बजाए गरीब लोगों की बस्तियों तक पहुंच कर उनके लिए खाने व राशन सामग्री पहुंचाना।

बालोतरा श्रमिकों का शहर हैं। यहां कारखाना मजदूर, गरीब और दिहाड़ी ज्यादा हैं।
यह राजनीति करने का वक्त नहीं वास्तव में सेवा करने का समय है।
के लिए व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों से दूरभाष पर बालोतरा से इसके लिए टीम बनाकर कार्य घर में गरीब लोगों की बस्तियों तक पहुंचकर उनके लिए खाना बालोतरा शहर है या गरीब और ज्यादा है इसलिए इन गरीबों के घर तक अन्न पहुंचाना प्राथमिकता है। क्षेत्र में दवा और राशन का प्रबंध हर जगह हो, यह प्राथमिकता है।

– मदन प्रजापत

– हमीरसिंह भायल – कहां है सिवाना

दिनचर्या : अधिकांश समय घर पर रहकर लोगों से संपर्क। अधिकारियों से समदड़ी व

सिवाना में बैठक और मॉनिटरिंग। जहां सम्पर्क जरुरी है, वहां पहुंचकर लोगों की मदद करना।

अलग : भामाशाह को लगातार प्रेरित करना। अपने -अपने गांव की जिम्मेदारी व मॉनिटरिंग का जिम्मा। प्रवासियों की मदद के लिए लोगों से निरंतर सम्पर्क

– क्षेत्र के लोगों से लगातार सम्पर्क में हूँ। जरूरत होने पर गांवों में पहुंचकर चर्चा कर लेता हूँ, लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखने साथ लोगों को जानकारी देता हूँ। लॉक डाउन का पालन करें, घर में रहें, स्वस्थ रहें।
– हमीरसिह भायल

अमीन खान – कहां है – देताणी गांव

दिनचर्या : अधिकांश समय घर रहकर अधिकारियों व लोगों से संपर्क

अलग : घर से ही लोगों तक सहायता पहुंचाने की बात।

– अधिकारियों व लोगों से बात कर हाल चाल जान रहा हूँ। लोग घर पर रहे और कोई जरूरत हो तो तुरंत पटवारी – ग्रामसेवक बताएं। एक दूसरे की मदद करें।
– अमीन खान

हेमाराम चौधरी, गुडामालानी- कहां है – जोधपुर

दिनचर्या : अधिकांश समय घर रहकर अधिकारियों व लोगों से संपर्क।

अलग : घर से ही लोगों तक सहायता पहुंचने बात।

– लोगों की मदद के लिए निरंतर अधिकारी व कार्यकर्ताओं से संपर्क में हूँ। दवा और खाने का प्रबंध हर गांव -ढाणी तक हो इसकी मॉनिटरिंग कर रहा हूं।

– हेमाराम चौधरी

Source: Barmer News

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