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दिलीप दवे
बाड़मेर. कोरोना वायरस संक्रमण में शिक्षक भी अपनी महत्ती भूमिका निभा रहे हैं। चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस के साथ अध्यापकों की टीम भी दिन-रात कोरोना की जंग में लगी हुई है। प्रदेश के 4 लाख 12 हजार 17 शिक्षकों में से पौने दो लाख से अधिक गुरुजन कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में लगे हुए हैं। जबकि एक लाख तिरेसठ हजार से ज्यादा शिक्षक मुख्यालय पर ड्यूटी दे रहे हैं। यह आंकड़े शाला दर्पण पर ऑन लाइन एन्ट्री के बाद जारी हुए हैं।
देश व्यापी लॉक डाउन के बाद एक ओर जहां कोरोना कर्मवीर को लेकर चिकित्सा विभाग, पुलिस, प्रशासन की ओर तो लोगों का ध्यान है, लेकिन इनके साथ इनसे भी ज्यादा तादाद में शिक्षक भी है जो दिन-रात मेहनत कर अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं। शाला दर्पण पोर्टल के अनुसार प्रदेश में 1 लाख 75 हजार 948 अध्यापक कोविड ड्यूटी में है। ये शिक्षक कहीं बीएलओ बनकर अपना फर्ज निभा रहे हैं तो कहीं सर्वे टीम में शामिल हैं। कहीं निगरानी कमेटी के सदस्य है तो ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बने कन्ट्रोल रूम में दिन-रात की पारी में मोर्चा संभाले हुए हैं। वहीं, 1 लाख 63 हजार 130 शिक्षक मुख्यालय पर है। गौरतलब है कि मुख्यालय में उन शिक्षकों को भी शामिल किया गया है, जो अपनी स्कूल के आसपास के कस्बे, गांव व शहर में अभी है और छोटी दूरी की यात्रा कर जरूरत होने पर वहां पहुंच सकते हैं।
54442 ने छोड़ा मुख्यालय- लॉक डाउन के बाद प्रदेश में 54 हजार 442 शिक्षक ऐसे हैं,जिन्होंने मुख्यालय छोड़ा हुआ है। ये वे शिक्षक हैं, जो अपने घर चले गए हैं, जिनमें से अधिकांश की ड्यूटी दूसरे जिले हैं और उनका गृह जिला दूसरा है। ऐसे में वे मुख्यालय पर नहीं है।
7675 दूसरे कार्यालयों में दे रहे ड्यूटी- प्रदेश में 7 हजार 675 शिक्षक ऐसे भी हैं, जो दूसरे सरकारी कार्यालयों में अभी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं, 4733 शिक्षक अवकाश पर ळाी है।
सुरक्षा की भी नहीं चिंता- जिन शिक्षकों की कोविड-19 के तहत ड्यूटी है, उनके पास सुरक्षा के इंतजाम भी नजर नहीं आते। सरकार ने इनको ना तो मास्क उपलब्ध करवाएं हैं और ना ही ग्लब्स। सेनेटाइजर का प्रबंध हो या फिर सोशल डिस्टेंस की पालना यह सब शिक्षक अपने विवेक से ही कर रहे हैं।
जिले की यह स्थिति- बाड़मेर जिले में शाला दर्पण पोर्टल के अनुसार 21 हजार 285 शिक्षकों में से 7 हजार 493 शिक्षक कोविड 19 के तहत कार्य संभाले हुए हैं। वहीं, 8787 शिक्षक मुख्यावास पर मौजूद है। 4183 शिक्षक मुख्यावास पर नहीं है, जो अपने गृह जिले में हैं। 332 अध्यापक दूसरे सरकारी कार्यालयों में सेवाएं दे रहे हैं।
शिक्षक निभा रहे महत्ती भूमिका- कोविड 19 अभियान में चिकित्सा महकमें व पुलिस-प्रशासन के साथ शिक्षक महत्ती भूमिका निभा रहे हैं। अधिकांश शिक्षक सर्वे, कन्ट्रोल रूम और बीएलओ के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। बिना सुरक्षा व्यवस्थाओं के भी शिक्षक कोरोना की जंग में कर्मवीर बन कर खड़े हैं।-शेरसिंह भूरटिया, शिक्षक नेता राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ।

Source: Barmer News

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