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बाड़मेर. सीमांत क्षेत्र की एक ढाणी की कैंसर पीडि़त महिला के लिए तहसील, उपखण्ड, जिला और राज्य की राजधानी स्तर पर बनी चेन ने महिला की जान पर आई आफत को टाल लिया। एक से दूसरे अधिकारी और एम्स जोधपुर के चिकित्सकों ने सारी जिम्मेदारी अपनेपन से ऐसी निभाई कि कैंसर की प्रथम स्टेज पर ही कीमोथैरेपी मिलने से महिला के परिजनों को लॉक डाउन में भी उपचार मिलने की राहत मिल गई है।

बाड़मेर जिले के मूल निवासी एवं जयपुर में राजस्थान राज्य परिवहन विभाग के उपायुक्त महेंद्र प्रताप सिंह भाटी के पास 12 अप्रेल को एक व्यक्ति का कॉल जयपुर गया।

बाड़मेर जिले की गडरारोड़ तहसील के एक दूर दराज़ गांव की किसी ढाणी से बोल रहा था। उसने बताया कि उसकी पत्नी की बायोप्सी की रिपोर्ट लॉक डाउन से पहले करवाई थी और आज ही मिली है। रुआंसे व्यक्ति ने कहा साहब इसको ब्रेस्ट कैंसर घोषित हुआ है। अब क्या करूं, यहां तो लॉक डाउन है।

डॉक्टर ने कहा है तुरंत सर्जरी या कीमोथैरेपी करानी चाहिए नहीं तो कैंसर चौगुनी गति से फैलना शुरू हो जाएगा। अब जोधपुर जाना है। इलाज करवाना है। कोई मददगार नहीं है, आप कुछ करवाइए। महेंद्र प्रताप सिंह ने भरोसा देते हुए तुरंत ही जोधपुर एम्स के मुख्य प्रशासक एन आर विश्नोई और उप प्रशासक डॉ.नवीन दत्त से इस संदर्भ मे बात की।

कोविड19 के कारण एम्स में सिर्फ आपातकालीन केस लेने का प्रोटोकॉल है लेकिन अधिकारी के आग्रह पर मानवीय आधार पर इस केस को लेने की सहमति दी। उन्होंने इसके बाद एसडीएम शिव प्रतापसिंह से यात्रा पास बनवाने की मदद मांगी तो उन्होंने भी तुरंत ही वाट्सऐप पर ही ऐप्लिकेशन मंगवाकर गडरारोड तहसीलदार से मरीज़ , रिश्तेदार तथा वाहन और चालक के पास बनवा दिए।

अगले दिन अलसुबह पांच बजे डीटीओ बाड़मेर ने मरीज़ की ढाणी पर वाहन पहुंचाया ,जिसमें मरीज़ और उसके परिजन जोधपुर एम्स पहुुच गए। यहां परिवहन निरीक्षक असगर अली खान पहले से ही अपनी टीम के साथ समन्वय और सहयोग के लिए तैयार थे। उन्होंने मरीज़ को संबंधित चिकित्सक तक पहुंचाया और आवश्यक जांच तथा उनके भोजन पानी का समुचित इंतज़ाम किया।

एम्स प्रशासन ने तुरंत ही चार कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर्स का बोर्ड बनाकर सारी ज़रूरी जांचें की । जांच में कैंसर की शुरूआती स्टेज थी इसलिये सर्जरी करने की आवश्यकता नहीं थी । मरीज को कीमोथैरेपी की गई। बोर्ड ने इस बात पर संतोष जताया कि समय पर इलाज शुरू हो गया।

तीन बच्चों की मां

पीडि़त महिला तीन बच्चों की मां है। उनके लिए इस महिला की जिंदगी बहुत जरूरी है। महिला के पति ने कहा कि वो सभी लोगों का बहुत शुक्रगुजार है। उसे नहीं मालूम था कि ढाणी में बैठे एक गरीब के लिए अधिकारी एक कॉल पर इस तरह इंतजाम कर सकते है कि उसके घर गाड़ी पहुंचकर ले जाए और इलाज करवाकर उसको राहत पहुंचाए। वह कहता है, भगवान इनका भला करे….।

Source: Barmer News

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