बालोतरा. नगर व गांवों में हाळी अमावस्या का पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। पर्व को ेेलेकर हरेक उत्साहित नजर आया। सूर्योदय से पूर्व किसान जगकर लोग खेतों में पहुंचे। पक्षियों की आवाज सुनकर शगुन देखे। हल से खेत की जुताई की।
घरों में पांच व सात प्रकार के अनार की ढुगलियां बनाकर शगुन देखे। इसके अनुसार इस वर्ष अच्छी वर्षा के संकेत है। घरों में इस दिन भोजन में खींच, ग्वारफली सब्जी व गलवाणी बनाकर परिवार के सभी सदस्यों ने समूह में भोजन किया। एक दूसरे को पर्व की बधाई दी।
कल्याणपुर. कस्बे व गांवों में हाळी अमावस्या पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। सूर्योदय से पूर्व जगकर किसान खेतों में पहुंचे। शगुन देखने ेके साथ हल जोत कर जुताई की। घरों में खींच, गलवाली का भोजन बनाकर परिवार सदस्यों के साथ इसे खाया।
मायलावास. गांव में हाळी अमावस्या पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। किसानों ने सूर्य उगने से पहले खेतों में पहुंच पक्षियों की आवाज सुनकर कर जमाने के शगुन देखे। खेतों की जुताई की। ाींच गेंहू की गुगरी, मातर व गलवोनी बनाकर भगवान को प्रसाद लगाया व इसे ग्रहण किया।
जसोल. कस्बे के प्रजापतों का वास में हाळी अमावस्या के शगुन देखे गए। भरत अवस्थी ने पूजा अर्चना की। शगुन के अनुसार कि इस बार आषाढ़ व श्रावण, भाद्रपद माह में अच्छी वर्षा होगी। जसोल सरपंच ईश्वरसिंह चौहान, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भगवतसिंह राठौड़, ओमप्रकाश निराणीया, भरत घोड़ेला आदि मौजूद थे।
सिवाना. कस्बे व गांवों में हाळी अमावस्या का पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। सूर्योदय से पूर्व जगकर लोग खेतों में पहुंचे। पक्षियों की आवाज सुनकर शगुन देखे। हल से खेत की जुताई की। घरों में सात प्रकार के अनार की ढुगलियां बनाकर शगुन देखे। इसके अनुसार इस वर्ष अच्छी वर्षा के संकेत है। घरों में इस दिन भोजन में खींच, ग्वारफली सब्जी व गलवाणी बनाई गई।
समदड़ी. कस्बे व गांवों में हाळी अमावस श्रद्धापूर्वक मनाई गई। श्रद्धालुओं ने खेतों में पहुंच शगुन देखने के साथ हल चलाकर जुताई की। लॉकडाउन पर मठ, मंदिरों की बजाए घरों में शगुन देखे। घरों में ाींच, ग्वारफली सब्जी, चूरमा, गुगरी, मातर व गलवानी बनाकर भगवान को भोग लगाया गया।
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अक्षय तृतीया पर्व सूना बीतने से चिंतित व्यापारी
पाटोदी. कोरोना को लेकर बंद बाजार पर अक्षय तृतीया पर्व खाली बीतने से कस्बे के व्यापारी परेशान हैं। अक्षय तृतीया पर्व पर बड़ी संख्या में विवाह आयोजन होने से कस्बे के बाजार में जमकर खरीदारी होती है। कस्बा बड़ा व्यापारिक केन्द्र हैं। 31 ग्राम पंचायतों के गांव इससे जुड़े हुए हैं।
कोरोना से बंद बाजार व विवाह आयोजन नहीं होने से कस्बे के व्यापारी मनोहरलाल सोनी, राजेंद्र कंाकरिया ने बताया कि पर्व पर बड़ी सं या में होने वाले विवाह पर हर सामान की जमकर बिक्री होती, लेकिन बंद बाजार व निरस्त शादियों से कमाई नहीं होने से अधिक परेशान हैं।
रमणियां. रमणियां, काठाडी, भागवा, धीरा आदि गांवों में हाळी अमावस्या पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। लोगों ने शगुन देखने के साथ दान-पुण्य किया।
पाटोदी. कस्बे व गांवों में हाळी अमावस्या पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। किसानों ने खेतों में हल चलाने के साथ शगुन देखें।
खंडप. गांव में हाळी अमावस्या श्रद्धापूर्वक मनाई गई। ग्रामीणों ने इस दिन खेतों में हल जोतने के साथ वर्षा के शगुन देखे।
Source: Barmer News