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जेंद्रसिंह दहिया/जोधपुर. केंद्र सरकार की ओर से राशन की दुकानों पर फ्री वितरण के लिए भेजी गई चने की दाल में पानी अधिक होने से उसके ढेले बनने लग गए हैं। नैफेड की ओर से दाल में अधिकतम 16 प्रतिशत नमी को मंजूरी दी गई है लेकिन जोधपुर आए दाल के कुछ ट्रकों में लदी दाल में 19 से 24 प्रतिशत तक नमी मिली, जिसके कारण ट्रक के नीचे रखे कट्टों में दाल के लड्डू जैसे बन गए हैं। राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम ने जांच में दाल को गुणवत्तापरक नहीं पाकर अब तक 1300 क्विंटल के 5 ट्रक लौटा दिए हैं।

कम्पनी का विरोध, नया मॉइश्चर मीटर लगाया
केंद्र सरकार मई से लेकर जून तक राशन की दुकान पर खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को प्रति परिवार प्रति महीना 1 किलो चने की दाल नि:शुल्क दे रही है। नैफेड ने राजस्थान में मई महीने में दाल वितरण का ठेका गुजरात के राजकोट की कम्पनी लेगेसी को दिया। पिछले सप्ताह जोधपुर द्वारा दाल के 5 ट्रक वापस लौटाने पर कम्पनी ने विरोध किया। इसके बाद नैफेड ने डिजिटल मॉश्चर मीटर ही बदलवा दिया।

700 क्विंटल अब भी बाकी
जोधपुर जिले में चने की दाल का एक महीने का आवंटन 5100 क्विंटल है। मई महीने के आठ दिन निकल जाने के बाद भी अब तक 700 क्विंटल दाल नहीं पहुंची है। इसके कारण राशन की कई दुकानों पर उपभोक्ताओं को खाली लौटना पड़ रहा है।

गर्मी के कारण दाल सूखी रही, राशन डीलर को नुकसान
मिल में चने से दाल बनाकर कट्टे में भरते समय 16 से 20 प्रतिशत नमी रहती है। भीषण गर्मी के कारण दाल की नमी वाष्पोत्सर्जित हो रही है, जिसके कारण राशन की दुकान में स्टोरेज के समय प्रत्येक 50 किलो के कट्टे में 1.50 से 2 किलो दाल कम मिल रही है।

इनका कहना है
‘चने की दाल में तय मापदंडों से अधिक नमी मिलने के कारण हमनें 5 ट्रक लौटाए। गर्मी के कारण भी दाल की नमी उडऩे से वह कम हो रही है। अगर मिल मालिक नमी कम रखेंगे तो डीलर्स को नुकसान नहीं होगा।’
– राजेश पंवार, मैनेजर, राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम जोधपुर

Source: Jodhpur

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