अमित दवे/जोधपुर. लॉकडाउन-3 में सरकार ने उद्योग, दुकानें आदि गाइडलाइन की पालना करते हुए खोलने की अनुमति दी। लेकिन इसमें रिटेल व्यापारी कंटेनमेंट -नॉन कंटेनमेंट में उलझ गया है। सरकार उद्योग खोलने की परमिशन दे चुकी है मगर शहर की करीब 10 हजार से ज्यादा दुकानों को लेकर कोई प्लान नहीं है। जब तक सरकार पूरी तरह से लॉकडाउन हटाएगी, तब तक काफ ी श्रमिकों का पलायन हो चुका होगा। ऐसी स्थिति में व्यापारियों के लिए उन्हें वापस लाना टेढ़ी खीर होगा।
छोटे व्यापारियों से मिल रही प्रतिस्पर्धा
शहर के कई व्यपारी मायूस हैं क्योंकि वो कंटेनमेंट जोन रहते हंै और उनकी फैक्ट्रियां, दुकानें नॉन कंटेनमेंट जोन में है, इसलिए वे दुकानें खोल नहीं पा रहे हैं। जहां एक तरफ सरदारपुरा, आखलिया, गोल बिल्डिंग आदि क्षेत्रों में बाजार खुल गए हैं, वहीं नई सड़क, सोजती गेट, त्रिपोलिया व भीतरी शहर केसभी प्रमुख बाजार नहीं खुल पाए हैं। ऐसे में, इन व्यापारियों को नॉन कंटेनमेंट में खुली दुकानों से प्रतिस्पर्धा मिल रही है, व उनके हाथों से ग्राहक जा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि कंटेनमेंट से बाहर आने पर पुलिस नॉन कंटेनमेंट एरिया की दुकानें बंद करवा रही है।
-10 हजार दुकानें शहर में रिटेल व्यापार से जुड़ी
-2 लाख से ज्यादा लोग पा रहे रोजगार
-10 हजार से ज्यादा लोग लगे हैं माल सप्लाई कार्य में
रिटेल मार्केट के लिए राहत की कोई घोषणा नहीं
सरकार ने रिटेल मार्केट के लिए राहत की कोई घोषणा नहीं की है। अधिकांश बड़े मार्केट सबसे ज्यादा शहर में हैं और काफ ी जगह पॉजिटिव केस नहीं आने के बाद भी पूरा शहर बंद कर रखा है, जो अनुचित है। प्रशासन को व्यापार संघों को बुलाकर परेशानी जाननी चाहिए। हमने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
-नवीन सोनी, अध्यक्ष, नई सड़क व्यापारी संघ
माल हो रहा है खराब
सोजती गेट हाईकोर्ट रोड को तय नहीं कर पा रहे हैं। ये रेड, ग्रीन, कंटेनमेंट एरिया में है। माल खराब हो रहा है, किराया भारी पड़ रहा है।
-नवीन खंडेलवाल, चन्द्रविलास नमकीन
पूरा व्यापर बंद
भीतरी शहर का पूरा व्यापर बंद है। कलेक्टर से मिलकर तीन-चार घंटे के लिए दुकानें खोलने की अनुमति मांगी, लेकिन अभी कोई जवाब नहीं मिला है।
-रमेश धारीवाल, कपड़ा व्यापारी
Source: Jodhpur