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जोधपुर. प्रदेश में वर्तमान में कायम दो बड़े टिड्डी दलों ने किसानों व नियंत्रित अधिकारियों की हवा निकाल दी है। शनिवार रात को भीलवाड़ा के पास पहुंचा टिड्डी दल मांडलगढ़ होते हुए उदयपुर पहुंच गया। रविवार शाम कोटड़ा तहसील में पेस्टीसाइड स्प्रे किया जा रहा था। उधर दो दिन पहले बाड़मेर से घुसा बड़ा टिड्डी दल जालोर होते हुए सिरोही पहुंच गया है।

अब दोनों दलों के गुजरात में प्रवेश करने का खतरा है। टिड्डी चेतावनी संगठन की टीमें टिड्डी दल के पीछे-पीेछे चल रही है। गुजरात में भी अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। अगर दोनों टिड्डी दल एक हो जाते हैं तो टिड्डियों की संख्या अरबों में हो जाएगी जो रास्ते में पडऩे वाले हर चीज को चट कर जाएगी।

थार में कम दबाव का क्षेत्र बना भारत की परेशानी
गर्मियों का मौसम होने की वजह से थार मरुस्थल में कम दबाव का क्षेत्र बनता है। इस समय हवाएं पश्चिमी से पूर्व और इसके बाद दक्षिण-पश्चिमी से उत्तर-पूर्व की ओर चलती है यानी हवाओं का रुख टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों अफ्रीकी व खाड़ी देशों से भारत की ओर होता है। यही कारण है कि इस बार बड़े टिड्डी दल मई की शुरुआत में ही आ गए, जबकि टिड्डी की समर ब्रीडिंग का समय जून-जुलाई अभी दूर है। उस समय टिड्डी अरबों-खरबों में होने की आशंका है।

अफ्रीका व खाड़ी देशों में बड़े टिड्डी दल
वर्तमान में केन्या, ईथोपिया, सोमालिया, सूड़ान व लाल सागर के दोनों ओर बसे खाड़ी देशों और यमन व ओमान में बड़े टिड्डी दल ब्रीडिंग कर रहे हैं।

Source: Jodhpur

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