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जोधपुर. लॉकडाउन में उद्योग-धंधे बंद होने के कारण बेरोजगारी के डर से मजदूर पलायन कर रहे हैं। ऐसे में मजदूरों का पलायन रोकने के लिए अपना मूल काम छोड़ उन्हें रोजगार देने का काम कर रहे हैं रेडिमेड गारमेंट व्यवसायी हिम्मतसिंह गहलोत। जो अपने मजदूरों से मास्क बनवाकर उनका रोजगार कायम रख रहे है।

अब तक 50 हजार मास्क बनाए
हिम्मतसिंह ने लॉकडाउन लगने के बाद सप्ताह भर तक अपनी इकाई बंद रखी। बाद में, एक अप्रेल से लॉकडाउन में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले मास्क निर्माण के काम में लग गए। इसके लिए उन्होंने अपने वर्कशॉप में पड़े कपड़े का उपयोग रेडिमेड गारमेंट में नहीं कर मास्क बनाने में कर लिया। शुरू में तो अपने परिवार के लोगों के लिए मास्क बनाना शुरू किया। लॉकडाउन अवधि व मास्क की उपयोगिता बढऩे पर मजदूरों को रोक उन्हें मास्क निर्माण कार्य में लगाकर उन्हें रोजगार देना जारी रखा। हिम्मतसिंह अब तक 50 हजार से अधिक मास्क बना चुके हैं।

भामाशाहों को दे रहे लागत मूल्य पर
हिम्मतसिंह के साथ काम कर रहे उनके छोटे भाई सुमित ने बताया कि वे अब तक करीब 10 हजार मास्क निशुल्क वितरित कर चुके हैं। साथ ही, भामाशाहों को लागत मूल्य पर मास्क दे रहे हैं।

मनरेगा में मिल रहा सवा लाख श्रमिकों को रोजगार
राज्य सरकार ने लॅाक डाउन के चलते अधिकाधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाने की मंशा से महात्मा गांधी नरेगा के तहत कार्य शुरू करवाने के निर्देश दिए। जिस पर जोधपुर जिले में अब तक लगभग एक लाख 15 हजार श्रमिकों को विभिन्न कार्यों में लगाया रोजगार उपलब्ध करवाया गया।

श्रम कानून में संशोधन का जताया विरोध
भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध राजस्थान जलदाय कर्मचारी संघ ने श्रम कानून में संशोधन का विरोध जताया है। इसके तहत जलकर्मियों ने मुख्य अभियंताओं को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर श्रम कानून में संशोधन नहीं करने की मांग की गई है। राजस्थान जलदाय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी चौधरी मंघाराम कालीराणा ने बताया कि महासंघ के आह्वान पर सीएम को ज्ञापन दिया गया है। वहीं 20 मई को जिला कलक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।

Source: Jodhpur

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