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वीडियो : गौतम उडेलिया/जोधपुर. कोरोना के चलते रोडवेज सहित सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकतर स्टॉफ वर्क टू होम कर रहे थे। जोधपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक बीआर बेड़ा ने बताया कि एक जून से कार्यालय, वर्कशॉप में सभी अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी पर आए। उन्होंने बताया कि रूट पर दौडऩे के लिए बसें तैयार है लेकिन अभी तक मुख्यालय से बसों के संचालन को लेकर कोई आदेश नहीं आया।

बस ऑपरेटर्स आज से नहीं करेंगे निजी बसों का संचालन
ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ऑनर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार की ओर से निजी बसों के संचालन के लिए जारी गाइडलाइन का विरोध किया है। एसोसिएशन की ओर से 1 जून से ग्रामीण, अन्तर्राज्य व बाहरी राज्यों में यात्री वाहनों का संचालन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। एसोसिएशन सचिव मनीष जैन ने बताया कि गाइडलाइन में एक ओर तो 100 प्रतिशत यात्री क्षमता संचालन की स्वीकृति दी गई है, वहीं दूसरी ओर से सोशल डिस्टेंसिंग 6 फीट की दूरी रखने का हवाला दिया गया है, जो असंभव है। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में यात्री भार नहीं मिलेगा, सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए कम यात्री भार लेने के कारण बस का खर्चा, डीजल, टोल टेक्स, स्टाफ का खर्चा, मास्क, सेनेटाइज व अन्य खर्चे निकालना भारी पड़ जाएगा।

एसोसिएशन की मांगें

लॉकडाउन अवधि व इसके बाद अगले 6 माह के लिए मोटर वाहन कर माफ करने, बीमा अवधि को 6 माह के लिए आगे बढ़ाने, वाहन के दस्तावेज की अवधि 1 माह के लिए बढ़ाने, कोविड19 की अनदेखी के कारण वाहन स्वामी को जिम्मेदार न ठहराया जाए, डीजल दरों में कटौती आदि मांगें की। उन्होंने बताया कि कोविड19 के कारण यात्री भार नहीं मिलने के कारण कोई वाहन स्वामी वाहन चलाने में असमर्थ हो तो बिना रोकटोक उनके कागजात सरेंडर किए जाए। साथ ही, गाइडलाइन के अनुसर रात 9 से सुबह 5 बजे तक वाहन संचालन पर रोक को अनुचित बताया, क्योंकि अधिकांश बसें रात्रि में ही संचालित होती है।

Source: Jodhpur

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