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नंदकिशोर सारस्वत/जोधपुर. इस महीने 2 ग्रहण होंगे जबकि जून-जुलाई के दौरान कुल एक महीने की अवधि में ग्रहण की त्रिवेणी होगी। एक के बाद एक तीन ग्रहण होंगे जिनमें से दो चंद्रमा और एक सूर्य ग्रहण होगा। एक पखवाड़े में दो ग्रहण तो हुआ करते हैं लेकिन ग्रहण की त्रिवेणी विरलतम है।

भारतीय तारा भौतिकी संस्थान के सेवानिवृत्त प्रोफेसर रमेश कपूर ने बताया कि 5 और 6 जून की दरिम्यानी रात में पहला चंद्रमा का ग्रहण है। यह उपछाया ग्रहण है। इसके बाद 21 जून को सूर्य का वलय ग्रहण है। यही दिन ग्रीष्म अयनांत का भी है जिसके बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। तीसरा ग्रहण भी चंद्रमा का उपछाया ग्रहण है जो कि 5 जुलाई को पूर्णिमा की रात्रि में होगा। उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर 2019 के वलयाकर ग्रहण के बाद एक बार फिर से सूर्य का वलय ग्रहण 21 जून को होगा। इसमें सूर्य का बाहरी चमकता हिस्सा एक चमकीली मुद्रिका के रूप में नजर आता है।

भारत के प्रमुख शहर जिनके ऊपर से वलय ग्रहण की छाया गुजरती है उसमें घड़साना, सूरतगढ़, सिरसा, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, देहरादून, नई टिहरी, चमोली, जोशीमठ और नंदा देवी आदि शामिल है। मध्य आकाश में जब सूर्य वलयकार रूप में चमकेगा तो यह स्थिति केवल 36.4 सेकंड के लिए रहेगी। जोधपुर के प्रमुख ज्योतिषियों के अनुसार 5 जून व 5 जुलाई को होने वाले दो चंद्रग्रहण मांद्य होंगे जिसका कोई विशेष असर नहीं होगा। लेकिन 21 जून को करीब 3 घंटे 27 मिनट अवधि का सूर्यग्रहण जोधपुर सहित भारत में अन्य जगह पर खंडग्रास के रूप में होगा।

Source: Jodhpur

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