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ओम टेलर/जोधपुर. लॉकडाउन के कारण कईयों के धंधे बंद हुए तो घर की गाड़ी चलाने के लिए उन्हें अपना सालों पुराना काम तक बदलने पर मजबूर होना पड़ा। शहर के पावटा सर्किल पर 27 वर्षीय संदीप पहले जूते पॉलिस करता था अब बाइक पर गली-गली घूमकर झाडू-पोछे बेच रहा है। कुछ ऐसी ही कहानी 50 वर्षीय बाबूलाल सोनी की है। वे पहले जादू दिखाने का काम करते थे और अब शहर में बाइक पर घूम कर मास्क बेचने का काम कर रहे है।

लॉकडाउन में काम बंद हुआ तो मास्क बेचना शुरू किया
नांदडी फाटा बनाड क्षेत्र में रहने वाले 50 वर्षीय बाबूलाल सोनी बताते है कि वे पहले इंडिया हेल्थ एक्शन ट्रस्ट तथा सेव द चिल्ड्रन की ओर से अंधविश्वास में छुपा विज्ञान कार्यक्रम के तहत जादू दिखाने (हाथ की सफाई दिखाने) का काम करते थे। लॉकडाउन में काम बंद हुआ तो अब बाइक पर शहर में घूम-घूम कर मास्क बेच रहे है। उन्होंने बताया 15-20 रुपए में एक मास्क बेचते है। रोजाना करीब 80-100 मास्क बेच पाते है। पत्नी व अन्य सदस्य घर पर मास्क बनाते है। उन्होंने बताया कि गुजारा तो नहीं होता लेकिन घर बैठे-बैठे भी क्या करें।

जूते पॉलिस करने का काम बंद हुआ तो…
भदवासिया क्षेत्र में रहने वाले संदीप सांसी ने बताया कि वह पहले पावटा सर्किल पर जूते पॉलिस करने एवं मरम्मत करने का काम करता था। परिवार में चार बच्चे व पत्नी है। लॉकडाउन में यह काम बंद हुआ तो घर चलाना मुशिकल हो गया। जिसके चलते तीन दिन पहले उसने झाडू, पोछे, ब्रश आदि घरेलू आइटम बाजार से खरीदे और शहर के अलग-अलग मोहल्ले में बाइक पर जाकर बेचता है। जिससे रोज के 200-250 रुपए कमा लेता है।

Source: Jodhpur

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