जोधपुर. रेगिस्तानी टिड्डी ने एक और नया कॉरिडोर बना दिया है। दो दिन पहले टिड्डी अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान के उत्तरी-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनवा में प्रवेश कर गई। यहां डेरा इस्माइल खां में फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया। अब पाकिस्तान के चारों प्रांतों में टिड्डी हमला तेज हो गया है।
इस टिड्डी के पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से होते हुए कश्मीर और लद्दाख पहुंचने की आशंका है। तीन साल पहले भी लद्दाख में टिड्डी आई थी, जिसको नियंत्रण करने में अधिकारियों को पसीना आ गया। यहां बौद्ध संप्रदाय के लोगों ने टिड्डी मारने की इजाजत नहीं दी, जब टिड्डी ने मक्का सहित अन्य फसलों को नष्ट किया तब बौद्ध पीछे हटे। टिड्डी के सेंसर लद्दाख से परिचित हैं। लद््दाख के रास्ते कुछ टिड्डी के चीन में भी प्रवेश करने की आशंका है।
उधर भारत में प्रवेश करने वाली टिड्डी उत्तरप्रदेश के प्रयागराज तक पहुंच गई है। वहां आसमां में 3 किलोमीटर लंबा और 1 किलोमीटर चौड़े टिड्डी दल को देखकर स्थानीय लोग घबरा गए। यह इलाका बिहार से 200 किलोमीटर दूर है। टिड्डी को नजदीक पाकर बिहार ने अपने दस जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। गुजरात व मध्यप्रदेश के कई जिलों में बची-खुची टिड्डी परेशान कर रही है।
टिड्डी से लडऩे में अभ्यस्त नहीं हैं राज्य
राजस्थान को छोडक़र अधिकांश राज्य टिड्डी से लडऩे में गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। मध्यप्रदेश में दमकल के जरिए पेस्टीसाइड का छिडक़ाव किया जा रहा है लेकिन इससे अधिकांश टिड्डी उड़ जाती है। टिड्डी चेतावनी संगठन ने मध्यप्रदेश सरकार को टे्रक्टर माउंटेड स्प्रे लगाने के लिए कहा है। यहां पहाड़ी जिलों तक टिड्डी पहुंच चुकी है। गुजरात व महाराष्ट्र के कुछ जिलों में भी मामूली टिड्डी है।
फलोदी में ड्रोन पहुंचा, 3 जगहों पर ड्रोन से स्प्रे
जोधपुर के फलोदी में रविवार को दो ड्रोन पहुंचे और कुछ जगह पर टिड्डी पर स्प्रे किया गया। बाड़मेर और जैसलमेर में 3-3 ड्रोन पहुंच गए हैं। नागौर और दौसा में ड्रोन पहुंचने बाकी हैं। उधर तीन दिन से पाकिस्तान की तरफ से कोई नया दल नहीं आने पर शेष बचे टिड्डी दलों से निपटा जा रहा है।
70 हजार हेक्टेयर में पेस्टीसाइड स्प्रे
पिछले डेढ़ महीने में देश के 8 राज्यों में 70 हजार हेक्टेयर में टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम चलाया गया है। सर्वाधिक नियंत्रण राजस्थान में हुआ है।
Source: Jodhpur