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सुरेश व्यास/जोधपुर. राजस्थान ही नहीं देश के लगभग आठ राज्यों में टिड्डी के प्रकोप के बीच यह खबर चिंताजनक है कि हमें फिलहाल एयरक्राफ्ट माउंटेड स्प्रेयर सितम्बर से पहले नही मिल पाएंगे। ये एयरक्राफ्ट माउंटेड स्प्रेयर बड़े टिड्डी दलों के खात्मे में कारगर साबित होते हैं। इनके लिए वायुसेना ने अपने हैलिकॉप्टर उपलब्ध करवाने की तैयारी भी कर ली, लेकिन जिस कम्पनी को कृषि मंत्रालय ने स्प्रेयर का ऑर्डर दिया था, उसने कोरोना के कारण समय पर आपूर्ति से हाथ खड़े कर दिए हैं, जबकि भारत में लगातार टिड्डी हमले का खतरा बना हुआ है।

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हुई टिड्डी की स्प्रिंग ब्रीडिंग और इसकी जानकारी हमारे से ही नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र से भी छिपाकर पड़ोसी ने दुश्मनी निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज हालत यह है कि 30 अप्रेल से पाकिस्तान के रास्ते भारत में घुसी टिड्डी लगातार कहर बरपा रही है।

देश में 1993 के बाद बाद दुबारा इतना बड़ा टिड्डी हमला हुआ है कि अभी तक काबू नहीं आ रहा। पिछले 48 दिनों में 31 टिड्डी दल भारत में आ चुके हैं यानी हर 36 घंटे में एक टिड्डी दल भारत में घुस रहा है। राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र के कई जिलों के अलावा हरियाणा और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर तक पहुंच टिड्डी चुकी है।

अब तक टिड्डी नियंत्रण के लिए बोलेरो जीप और ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर का ही इस्तेमाल होता रहा है, लेकिन अभी आ रही गुलाबी रंग की टिड्डी बहुत ऊर्जावान है। यह बहुत ऊंचाई तक और एक दिन में 200 किलोमीटर तक उड़ती है। पेड़ों की ऊंचाई पर बैठती है। ऐसे में इसका खात्मा आसानी से नहीं हो पा रहा।

हालांकि केंद्र सरकार ने राजस्थान के अनुरोध के 24 घंटे के भीतर ही ड्रॉन से स्प्रे करने की अनुमति दे दी और इसका काम भी शुरू हो गया, लेकिन एयरक्राफ्ट माउंटेड स्प्रेयर के मुकाबले ड्रॉन कम प्रभावी होता है। पाकिस्तान-ईरान सहित अफ्रीका के कई देश टिड्डी से मुकाबले के लिए एयरक्राफ्ट माउंटेड स्प्रेयर काम में ले रहे हैं, लेकिन आग लगने पर कुआं खोदने की तरह हमने बहुत देरी से इसकी जरूरत महसूस की। विडम्बना है कि वायुसेना हेलिकॉप्टर तैनात करने के लिए तैयार है, लेकिन हमारे पास उस पर लगने वाले स्प्रेयर ही नहीं है।

टिड्डी पर पेस्टिसाइड छिडक़ाव में इस्तेमाल होने वाले माइक्रोनियर का आयात भारत ब्रिटेन व अन्य देशों से होता है। अभी हमारे पास सिर्फ फॉर व्हीकल माउंटेड 60 माइक्रोनियर हैं। एयरक्राफ्ट माउंटेड स्प्रेयर का भी ब्रिटेन को ऑर्डर तो दे दिया, लेकिन कोरोना के कारण कम्पनी बंद रही और अब उसे स्पेयर पार्ट्स नहीं मिल रहे तो उसने सितम्बर से पहले आपूर्ति से हाथ खड़े कर दिए।

हमारे पास अगर एयरक्राफ्ट माउंटेड स्प्रेयर होता तो राजस्थान की पश्चिमी सीमा से प्रवेश के साथ ही टिड्डी का खात्मा किया जा सकता था। मरुस्थलीय इलाके में फसलें और पशुपालन के लिए चारागाह नहीं होने से एरियल पेस्टिसाइड स्प्रे से भी कोई हानि भी नहीं होती और टिड्डी भारत के मैदानी इलाकों तक पहुंचने से रुक सकती थी। अब एयरक्राफ्ट माउंटेड स्प्रेयर मिलने में देरी हमारी बेबसी ही बढ़ाएगी। अच्छा होता समय रहते ही फैसला कर लिया जाता तो शायद यह स्थिति नहीं बनती।

Source: Jodhpur

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