बालोतरा.
नगर के वस्त्र उद्योग में देश के विभिन्न प्रांतों के हजारों श्रमिक काम करते हैं, कई वषोज़्ं से इनके यहां काम करने से उद्यमियों व श्रमिकों के बीच आपस में परिवार सदस्यों का संबंध है। कोरोना लॉकडाउन में उद्यमियों के कंधा से कंधा मिलाकर इनका साथ देने, इन्हें जागरूक करने, रोग बचाव के लिए जरूरी मास्क, सेनेटराईज देने, काम पर लौटने के लिए दबाब नहीं देने आदि को लेकर कायज़् करने पर बालोतरा कोरोना के बड़े संकट से टल गया।
पोपलीन उद्योग के लिए बालोतरा का वस्त्र उद्योग देश व विश्व के प्रसिद्ध है। बालोतरा, बिठूजा, जसोल में वस्त्र धुपाई, रंगाई व छपाई के करीब 1 हजार से संचालित कारखानों में हर दिन लाखों मीटर तैयार होने वाला कपड़ा देश के कोने कोने में बिकने को जाता है। विश्व के कई देशों में भी इसकी मांग अधिक रहती है। वस्त्र उद्योग में उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, बंगाल आदि कई प्रांतों व प्रदेश के कई जिलों से हजारों जने काम करते हंै। कई वषोज़्ं से लगातार इनके एक ही शहर, एक ही कारखाने में काम करने पर उद्यमियों के साथ इनके परिवार सदस्य जैसा संबंध है।
उद्यमियों के प्रयास पर बड़ा संकट डला-
कोरोना में सरकार के लॉकडाउन करने पर उद्यमियों ने श्रमिकों को रोग के लक्षण व बचाव की जानकारी दी। इन्हें व इनके परिवार सदस्यों को मास्क, सेनेटराईज बांटे। इन्हें कारखानों में सुरक्षित रखने के साथ अन्य सहयोग किया। इनकी इच्छा पर इन्हें गांव-घर पहुंचाने में मदद की। सरकार के मॉडीफाई लॉकडाउन घोषित कर उद्योग शुरू करने की इजाजत देने पर उद्यमियों ने रोग प्रकोप पर एक पखवाड़े तक काम शुरू नहीं किया। स्थानीय व अप्रवासी श्रमिकों पर काम पर लौैटने के लिए दबाब नहीं डाला। इसके बाद सरकार के निदेशोज़्ं की पालना करते हुए कारखानों को सेनेटराईज कर काम शुरू किया। आज भी लॉकडाउन की पालना कर रहे हैं। इससे शहर व क्षेत्र कोरोना के बड़े संकट की चपेट में आने से बच गया।
व्यू.
लॉकडाउन के नियमों की अच्छी तरह से पालना की। श्रमिकों को मास्क,सेनेटराईज बांटने के साथ उनका पूरा सहयोग किया। सरकार के आदेश के बावजूद देरी से काम शुरू किया। श्रमिकों पर कोई दबाब नहीं डाला। इस पर खुशी है कि बालोतरा कोरोना जैसे बड़े संकट से टल गया। – संदीप ओस्तवाल, उद्यमी
बालोतरा,बिठूजा, जसोल उद्योग में बड़ी सं या में स्थानीय व अप्रवासी श्रमिक हैं, रोग गंभीरता पर इन्हें आवश्यक जानकारी दी, सहयोग किया। देरी से काम शुरू करने के साथ काम पर लौटने के लिए दबाब नहीं दिया। इससे बड़े संकट से टल गए। – प्रवीण महाजन, उद्यमी
Source: Barmer News