बाड़मेर.
ऐसा क्या है कि पहली जुलाई को एक साथ इतने लोगों का जन्मदिवस आ गया? इतने सारे लोग एक ही दिन जन्म? फेसबुक पर सभी के लिए आ रही बधाइयों ने आपको अचरज में डाला होगा कि आपकी जान पहचान वाले कितने लोग आज एक ही दिन जन्मे हुए है। सभी चालीस से अधिक की उम्र के है। नेता, अधिकारी, व्यापारी और अन्य कई प्रकार के कारोबार से जुड़े इन लोगों का जन्म पहली जुलाई होने का राज क्या है?
यह है राज
दरअसल पूर्व के जमाने में बर्थ सर्टिफिकेट बनाए नहीं जाते थे और अशिक्षा की वजह से इसका पंजीयन भी कहीं पर नहीं होता था। शिशु के जन्म पर पंडित के पास पहुंचते और पंडित तिथि के हिसाब से उसका नामकरण कर लेता। अधिकांश परिवारों में तिथि ही याद रहती थी और वो भी जो याद रखते उनको। अंग्रेजी तारीखों की समझ तो पढ़े लिखे लोगों को ही हुआ करती थी। ऐसे में बच्चे का जन्म होने के बाद परिवार के सदस्यों को यह तीन-चार साल बाद पता ही नहीं होता कि वह कौनसी तारीख को जन्मा है।
स्कूल गया वो तारीख
बच्चे को स्कूल दाखिल करवाते वक्त शिक्षक उसकी जन्म तारीख पूछते तो परिजनों के पास जवाब नहीं होता। ऐसे में शिक्षकों ने फिर एक ही तरीका निकाला की जो जिस दिन एडमिशन को आया वही उसकी जन्म तारीख और उम्र का उल्लेख। ऐसे में पहली जुलाई को अधिकांश प्रवेश होते थे। पहली जुलाई ही अधिकांश लोगों की जन्म की तारीख लिख दी गई है।
पहली जुलाई को बम्पर जन्मदिवस
उस प ीढ़ी के लोगों के अब पहली जुलाई को बम्पर जन्मदिवस आते है। इसके बाद जुलाई के पहलीे हफ्ते की तारीखों में भी कई लोगों के जन्म दिवस आ रहे है। इसका भी कारण उनका इन तिथियों में स्कूल पहुंचना है।
अब ऐसा नहीं होता है
अब नए जमाने में शिक्षा व जागरूकता दोनों बढ़ी है। संस्थागत प्रसव होने से शिशु के जन्म लेते ही अस्पताल में उसकी तारीख आ जाती है। ग्राम पंचायत स्तर पर पंजीयन होने लगा है और अस्पताल ही बर्थ की तारीख बता देते है। ऐसे में शिशु के जन्म की सही तारीख का ही अंकन हो रहा है।
Source: Barmer News