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जोधपुर. एम्स जोधपुर के कार्डियो थोरेसिक एवं वस्कुलर सर्जरी विभाग में ह्रदय की बायपास सर्जरी एवं वाल्व रिपेयर की एक साथ सर्जरी पहली बार हुई है। एम्स चिकित्सकों का दावा हैं कि इस तरह का ऑपरेशन पहली बार हुआ है।

कार्डियो थोरेसिक एवं वस्कुलर सर्जरी विभाग के डॉ आलोक कुमार शर्मा ने बताया कि 60 वर्षीय पोपावास निवासी मरीज सीने में दर्द के साथ आया था। मरीज को करीब दो माह से सीने में दर्द व सांस फ ूलने की शिकायत थी। जिसके लिए वह सर्वप्रथम एक निजी अस्पताल में गया और वहां एंजियोग्राफ ी जांच की गई। जिसमें ह्रदय की तीनों नसों में ब्लॉकेज व वाल्व में लीकेज था। इकोकार्डियोग्राफ ी की जांच में मरीज के मिट्रल वाल्व में लीकेज नजर आया।

एम्स जोधपुर में कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ राहुल चौधरी को दिखाया, यहां इकोकार्डियोग्राफ ी की जांच में बताया कि मरीज के मिट्रल वाल्व में लीकेज है और मरीज को बायपास सर्जरी एवं वाल्व रिपेयर की जरूरत है। मरीज को कार्डियो थोरेसिक एवं वस्कुलर सर्जरी विभाग में ऑपरेशन के लिए रैफ र किया गया।

ऑपरेशन में मरीज के ह्रदय के दो नसों की बायपास सर्जरी की एवं मिट्रल वाल्व को रिपेयर किया गया। ऑपरेशन कार्डियो थोरेसिक एवं वस्कुलर सर्जन डॉ आलोक कुमार शर्मा के नेतृत्व में हुआ। ऑपरेशन में कार्डियो थोरेसिक एवं वस्कुलर सर्जन डॉ सुरेन्द्र पटेल, डॉ दानिश्वर मीणा, एनस्थेसिया विभाग से डॉ मनोज कमल, डॉ कृति चौधरी, कार्डियक पर्फुयूजनिस्ट कमलेश, प्रियंका देवेंद,नर्सिंग ऑफि सर अजीत कुलश्रेष्ट एवं गोमाराम का सहयोग रहा। ऑपरेशन के बाद इकोकार्डियोग्राफ ी की जांच में मरीज के मिट्रल वाल्व बिलकुल ठीक था। ऑपरेशन के 6 दिन बाद सोमवार को मरीज की अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।

क्या होता है हार्ट अटैक के बाद में माइट्रल वाल्व लीकेज
हार्ट अटैक बीमार की हार्ट की नसों में अचानक खून का थक्का जमने से होता है। कभी कभी इस तरह के हार्ट अटैक के बाद माइट्रल वाल्व में लीकेज होने लग जाता है। यह लीकेज हार्ट की मासपेशियों की शिथिलता या उनके तंतु के टूट जाने से होता है। अगर कवलकेवल बायपास सर्जरी या स्टेंटिंग हाई की जाए तो बीमार को सांस फू लने के लक्षण में आराम नहीं आता है। ऐसे में बायपास ऑपरेशन व माइट्रल वाल्व रिपेयर दोनों साथ में करने की आवश्यकता होती है।

Source: Jodhpur

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