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दिलीप दवे
बाड़मेर. कोरोना की मार स्कॉरशिप को भी सहनी पड़ रही है। मुख्यमंत्री स्कॉलरशिप योजना में इस बार आधी राशि ही दी गई है। एेसे में विद्यार्थियों को पांच हजार की जगह तीन हजार ही मिले है। हालांकि कॉलेज प्रशासन के अनुसार कटौती की कोई सूचना नहीं है। एेसे में यह मान रहे है कि आने वाले दिनों में दूसरी किश्त मिल सकती है। वहीं, सैकड़ों
विद्यार्थियों को अब तक यह राशि मिली ही नहीं है।
स्नातक स्तर पर अध्ययनरत एेसे विद्यार्थी जिनके परिवार की सालाना आय ढाई लाख से अधिक नहीं है और बारहवीं में साठ फीसदी से अधिक अंक है, उनको मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलता है। योजना के तहत उनके खातों में तीन साल तक प्रति वर्ष पांच-पांच हजार रुपए जमा होते हैं। बाड़मेर के पीजी कॉलेज में योजना के तहत ६०५
विद्यार्थियों ने आवेदन कर रखा है। इनको पांच हजार रुपए मिलने है, लेकिन इनमें से अब तक चार सौ जनों को ही छात्रवृत्ति मिल पाई है।
पांच हजार की जगह तीन हजार- विद्यार्थियों के बैंक खाते में उक्त राशि जमा होती है। इस बार तीन हजार रुपए ही जमा हुए हैं जबकि योजना के अनुसार पांच हजार रुपए मिलने चाहिए। इसको लेकर विद्यार्थी चिंतित है कि क्या छात्रवृत्ति में कटौती की गई है। दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन का कहना है कि कटौती के आदेश तो नहीं है। तीन हजार रुपए जमा हुए तो हो सकता है आने वाले दिनों में दो हजार और मिल जाए।
२०५ को इंतजार- गौरतलब है कि पीजी कॉलेज बाड़मेर में मुख्यमंत्री स्कॉलरशिप योजना से लाभान्वित छात्रों की तादाद ६०५ है, जिसमें से ४०० को छात्रवृत्ति मिली है। वहीं, २०५ को अभी भी छात्रवृत्ति का इंतजार है।
राशि आवंटन की रखेंगे मांग- मुख्यमंत्री स्कॉलरशिप योजना में इस बार तीन हजार ही मिले हैं। कम बजट आवंटन होने से कई छात्र वंचित है। सरकार से पूरा बजट आवंटित करने की मांग की जाएगी।- शिवकरण सारण, छात्र नेता
कटौती की कोई जानकारी नहीं- मुख्यमंत्री स्कॉलरशिप में पांच हजार रुपए मिलते हैं। बजट कटौती की कोई जानकारी नहीं है।- मनोहर गर्ग, प्राचार्य पीजी कॉलेज बाड़मेर

Source: Barmer News

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