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बाड़मेर पत्रिका.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विरोधी तेवर दिखाने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी गुडग़ांव में सचिन पायलट के खेमे में मोबाइल स्वीच ऑफ कर साथ है तो जिले के शेष सभी पांचों कांग्रेसी विधायक जयपुर में गहलोत घेरे में आ गए है। पचपदरा विधायक मदन प्रजापत के इधर-उधर होने की आशंका थी लेकिन गहलोत ने सोमवार रात को करीब ढाई घंटे मदन के साथ बैठने के बाद वे भी गहलोत घेरे में पहुंच गए है। इधर, जिले की राजनीति में यह सियासी खेल समीकरण बदलने की ओर संकेत कर रहा है।
हेमाराम चौधरी ने सोमवार को खुला सचिन पायलट का समर्थन कर दिया और वे सचिन के साथ हो लिए है। उनके अलावा पचपदरा विधायक मदन प्रजापत को सोमवार शाम को मुख्यमंत्री के निवास पर बुला लिया गया था,उनके साथ चार अन्य विधायक थे। मदन प्रजापत और गहलोत की यह मुलाकात अहम रही और इसमें मदन की हल्की-फुल्की नाराजगी को भी पाट लिया गया और वे गहलोत घेरे में आ गए है। शेष सारे विधायक पहले से ही पार्टी के साथ होने का बोलकर कांगे्रस में आ गए है।
संगठन नहीं सरकार का पलड़ा भारी
सचिन पायलट संगठन के प्रभारी है लेकिन अब संगठन की बजाय सरकार का पलड़ा जिले में भारी हो गया है। यहां पांच विधायकों ने अशोक गहलोत का दामन थाम चुक है। ऐसे में संगठन की जय करने वाले अकेले हेमाराम ही रहे है।
तूफान थम गया, अब हवा भी नहीं
तूफान थम गया है। अब इसकी हवा भी नहीं लगेगी। हेमाराम चौधरी की अपनी नाराजगी है जो उन्होंने व्यक्त की है लेकिन वे कांगे्रस से बाहर नहीं जाएंगे। नेतृत्व बदलने की उनकी बात सामने आई है। सभी लोग कांग्रेस के साथ है। कांग्रेस मतलब हाथ का निशान और सोनिया गांधी है। जिले में किसी प्रकार का इससे अब फर्क नहीं पडऩा है।-फतेहखां

Source: Barmer News

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