जोधपुर.
फर्जी डिग्रियां जारी करने वाले जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व चेयरमैन कमल मेहता व परिवार के नाम की 12.98 करोड़ रुपए की चल-अचल सम्पत्तियां अटैच की है। ईडी ने सोमवार को जोधपुर, जयपुर व दिल्ली में यह सम्पत्तयिां अटैच की। इनमें 12 फ्लैट, 3 प्लॉट, एक बिल्डिंग और 31 बीघा कृषि भूमि शामिल है। अब तक 21.51 करोड़ रुपए की सम्पत्ति कुर्क की जा चुकी है।
ईडी के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि एसआेजी जयपुर ने तत्कालीन चेयरमैन कमल मेहता व अन्य के खिलाफ 17 दिसम्बर 2014 को धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज की थी। जांच के बाद 16 मार्च 2015 को कोर्ट में चालान पेश किया गया था। कुशल एज्यूकेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी कमल मेहता ने वर्ष 2008 में जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी स्थापित की थी। विश्वविद्यालय के अध्यक्ष कमल मेहता ने गलत तरीके से रुपए कमाने के लिए प्राइवेट विद्यार्थियों को फर्जी डिग्री व मार्कशीट बेचनी शुरू कर दी थी। फीस, फॉर्म एकत्रित करने और परीक्षा करवाने के लिए जेएनयू रजिस्ट्रार के फर्जी प्राधिकार पत्र जारी कर चार समन्वयकों की नियुक्ति की थी।
जिन्होंने देशभर में कई जगह केन्द्र व उप केन्द्र स्थापित किए थे। इनको विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अनुमोदित नहीं किया था। जांच में सामने आया कि इन समन्वयकों से कुशल एज्यूकेशन ट्रस्ट, जेएनयू, सूर्यनगरी एज्यूकेशन सोसायटी व कुछ अन्य संस्थाओं के नाम से जयपुर व जोधपुर में खोले बैंक खातों से कमल मेहता को 22.3 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। मेहता ने जयपुर में समानान्तर कार्यालय स्थापित कर वर्ष 2010 से 2014 के बीच 25003 फर्जी डिग्रियां जारी की थी।
जांच में वित्तीय लेन-देन का चक्रव्यूह सामने आया था। जिससे 22.3 करोड़ रुपए को कमल मेहता व पत्नी सरिता और इनकी संस्थाओं के नाम चल-अचल सम्पत्तियों में निवेश किया गया था। इससे पहले मार्च 2017 में कमल मेहता व अन्य की 8.53 करोड़ रुपए की सम्पत्तियां अटैच की गई थी।
Source: Jodhpur