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जोधपुर. शादी का दावा करते हुए एक युवक ने दो साल पहले बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट में पेश युवती ने न केवल शादी से इनकार किया, बल्कि युवक के साथ जाने से भी मना कर दिया। उसी युवक ने फेसबुक चैट के आधार पर दुबारा याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई के दौरान गुरुवार को युवती ने कोर्ट में माना कि उसने युवक से अपनी इच्छा से शादी की थी और अब उसके साथ जाना चाहती है।

कोर्ट ने युवती को पुलिस सुरक्षा में पति के साथ जाने की अनुमति प्रदान कर दी। याचिकाकर्ता अंगद ने कोर्ट के आदेश से दो लाख रुपए भी प्रति खर्चे के तौर पर जमा करवाए थे, लेकिन युवती की स्वीकरोक्ति के बाद कोर्ट ने यह राशि लौटाने के निर्देश दिए। न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश प्रभा शर्मा की खंडपीठ में याचिकाकर्ता अंगद की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई हुई। पूर्व में याची की ओर से ही कोर्ट को बताया गया था कि उसने इसी युवती के साथ शादी का दावा करते हुए उसे कोर्ट के समक्ष पेश करने के लिए वर्ष 2018 में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। तब युवती ने शादी से मना करते हुए उसके साथ जाने से मना कर दिया था। उसके बाद युवती के साथ उसकी फेसबुक पर चैट हुई है, जिसमें उसने कहा कि पिछली बार जब उसे कोर्ट में पेश किया गया था, तब उस पर परिजनों का दबाव था लेकिन अब वह उसके साथ जाना चाहती है।

गुरुवार को युवती ने अपने परिजनों की मौजूदगी में शादी की बात स्वीकार करते हुए कहा कि वह अपने पति के साथ जाना चाहती है, लेकिन यह भी चाहती है कि उसके परिवार में सम्मान बना रहे। इसका परिजनों की ओर से आश्वासन दिया गया।

Source: Jodhpur

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