जोधपुर. अनंत चतुर्दशी मंगलवार को घरों में विगत दस दिनों से मनाए जा रहे गणपति महोत्सव का समापन मंगलमूर्तियों के विसर्जन के साथ हो गया। अलसुबह से देर शाम तक मुख्य विसर्जन स्थल गुलाब सागर जलाशय पुलिस के पहरे में रहा। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण जलाशयों में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध होने के बावजूद शहर के विभिन्न कॉलोनियों-मोहल्लों के घरों में स्थापित गणपति प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए भक्तों का पहुंचने का क्रम सुबह से ही शुरू हो गया।
पुलिस का पहरा होने से कई लोग मूर्ति को लेकर घूमते भी नजर आए। आर्य मरुधर व्यामशाला के वरिष्ठ दलपति सुरेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में गुलाब सागर घाट पर आने वाले भक्तों को समझाइश के लिए व्यायामशाला के 25 सदस्यों की टीम ने पुलिस प्रशासन का सहयोग किया। इनमें वीरेंद्र देव अवस्थी, सूर्य बहादुर सिंह, दशरथ प्रजापति, उमेश शर्मा आदि शामिल है। गुलाब सागर के अलावा उम्मेद सागर, कायलाना अखेराज तालाब, तख्त सागर के बाहर पुलिस प्रशासन की सक्रियता के चलते गणपति विसर्जन नहीं हो पाया। लाल सागर जलाशय पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने से कुछ लोगों ने मूर्तियों का विसर्जन भी किया।
रामतलाई नाडी पर मूर्तियों का केवल जलाभिषेक
मंडोर क्षेत्र की रामतलाई जलाशय पर पुलिसकर्मियों व रामतलाई नाडी संरक्षण विकास समिति के सदस्यों ने विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिमा विसर्जन के लिए पहुंचे लोगों से समझाइश भी की । बाद में उन्हें जलाभिषेक कर मूर्ति को जलाशय से बाहर रखने दिया।
रातानाडा गणेश मंदिर में पंचामृत महाभिषेक
रातानाडा गणेश मंदिर में मंगलवार को गणपति प्रतिमा का पंचामृत से महाभिषेक से किया गया। पंडित दाऊलाल जोशी के आचार्यात्व में अभिषेक पूर्ण होने के बाद 100८ लड्डुओं का भोग लगाकर देश में खुशहाली और कोरोना महामारी से जल्द मुक्ति की कामना की गई।
Source: Jodhpur