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बाड़मेर. स्कूलों में शुरू हो रही ऑनलाइन पढ़ाई अभिभावकों की जेब पर भारी पड़ रही है। किताबें और कापी खरीदने के साथ अब स्मार्ट फोन लेना भी मजबूरी हो गया है। मध्यम वर्ग के परिवार के लिए ऑनलाइन पढ़ाई में स्मार्ट फोन महंगा पड़ रहा है।
कोरोना के कारण स्कूलों को लेकर किसी तरह की कोई उम्मीद नहीं दिखने पर अब अधिकांश निजी स्कूलों ने भी ऑनलाइन स्टडी की राह अपना रहे हैं। इसके चलते अब किताबों का सेट और स्टेशनरी के साथ मोबाइल भी लेना पड़ रहा है, वह भी ऐसा हो, जिसमें सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म होने जरूरी है। ऐसे में यह स्मार्ट फोन अभिभावकों के लिए एक तरह से किसी परेशानी से कम नहीं है।
पहले बुक स्टाल फिर मोबाइल शॉप
पढ़ाई शुरू होने के साथ पुस्तकों की खरीददारी हो गई, लेकिन अब जैसे ही स्कूल ने ऑनलाइन स्टडी शुरू की तो मोबाइल जरूरी हो गया। स्कूल से संबंधित बच्चों की पूरी जानकारी मोबाइल पर आ रही है। ऐसे में अब बच्चे के लिए भी एक मोबाइल अलग से लेना पड़ रहा है।
मोबाइल के साथ डाटा और सिम भी चाहिए
अभिभावकों की समस्या मोबाइल खरीदने के बाद ही खत्म नहीं हो रही है। इसके साथ नेटवर्क के लए डाटा भी चाहिए और उससे पहले सिम भी लेनी पड़ रही है। ऐसे में अभिभावकों का मानना है कि मोबाइल खरीदने के बाद उसमें डाटा रिचार्ज अलग से करवाना पड़ रहा है। ये स्थितियां मध्यम वर्ग के परिवारों पर भारी पड़ रही है।
घर में बच्चे, उतने चाहिए मोबाइल
परिवार में दो बच्चे हैं तो उनके लिए अलग-अलग मोबाइल तक की जरूरत महसूस की जा रही है। कक्षा अलग होने के कारण दो बच्चे एक मोबाइल से ऑनलाइन स्टडी नहीं कर पाते हैं। इसके चलते उन्हें अलग-अलग मोबाइल खरीदना पड़ रहा है।
पढाई के लिए दिलवाया नया मोबाइल
बच्चों की ऑनलाइन स्टडी के लिए नया मोबाइल खरीदा है। पहले बुक और कॉपियां खरीदी फिर स्मार्ट फोन लिया। हम चाहते हैं कि बच्चा मोबाइल से दूर रहे लेकिन अब तो स्टडी ही इस पर हो रही है। ना चाहते हुए भी पढ़ाई के लिए दिलवाना पड़ा है।
अक्षय वर्मा, अभिभावक बाड़मेर

Source: Barmer News

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