बाड़मेर. सरकारी स्कू लों का प्रवेशोत्सव इस बार कोरोना की भेंट चढ़ गया। प्रवेशोत्सव को लेकर प्रचार-प्रसार व जागरूकता की कमी के साथ अभिभावकों की चिंता ने आधे लक्ष्य को भी प्राप्त नहीं किया। स्थिति यह है कि प्रवेशोत्सव की तिथि बढ़ाने के बावजूद नामांकन आशानुरूप नहीं बढ़ रहा है।
करीब दस फीसदी नामांकन प्रतिवर्ष बढ़ाने का लक्ष्य होता है, जिसके मुकाबल बमुश्किल चालीस फीसदी नामांकन ही इस बार प्रवेशोत्सव के दौरान हो पाया है। अब तक जिले में १४ हजार ८९ विद्यार्थियों ने ही सरकारी स्कू लों में प्रवेश लिया है। गौरतलब है कि जिले में करीब पौने पांच लाख विद्यार्थी पिछले सत्र में अध्ययनरत थे। प्रदेश में हर साल सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने को लेकर प्रवेशोत्सव का आयोजन होता है।
अमूमन मई के प्रथम पखवाड़े और जुलाई में प्रवेशोत्सव चलता है। इस दौरान जनजागरूकता को लेकर रैलियां, नाटक, सभाओं आदि का आयोजन किया जाता है, जिससे कि अभिभावकों को अपने बच्चों को सरकारी स्कू ल से जोडऩे के लिए प्रेरित किया जा सके। हर बार एेसे आयोजन से गांव-गांव और ढाणी-ढाणी पता चल जाता है कि नया सत्र शुरू हो गया है और बच्चों को स्कू ल भेजना है, लेकिन इस बार एेसा नहीं हो पाया, क्योंकि कोरोना के चलते आयोजनों पर रोक लगी हुई है। रैलियां ना जनसभाएं- अमूमन प्रवेशोत्सव को लेकर विद्यालय प्रबंधन गांवों में रैलियां निकालता है, जिसमें विद्यार्थी अभिभावकों से मिलकर सरकारी विद्यालयों में बच्चों को प्रवेश देने की अपील करते हैं। वहीं, सभाओं का आयोजन भी होता है। इस बार एेसा नहीं हो पाया है।
जिले में यह स्थिति- जिले में माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय की तादाद 696 है जिसमें पिछले सत्र में २ लाख १४ हजार विद्यार्थी थे। प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, शिक्षाकर्मी विद्यालय ४०९८ है जिसमें २ लाख ६० हजार ६०१ विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। एेसे में करीब पौने पांच लाख विद्यार्थी सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत है। इसकी तादाद के अनुसार करीब सैंतालीस हजार विद्यार्थी इस सत्र में सरकारी विद्यालय से जुडऩे का लक्ष्य है, जिसके मुकाबले अब तक १४ हजार ७९ विद्यार्थी ही जुड़ पाए हैं। प्राथमिक शिक्षा के विद्यालयों में इस दौरान १० हजार ५२५ विद्यार्थी नव प्रवेशी है, शेष माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेशित है। अब आगे बढ़ा सत्र- प्रवेशोत्सव का आयोजन ३१ जुलाई तक निर्धारित होता है। इस बार इसको आगे बढ़ा कर १५ सितम्बर कर दिया गया है। वहीं, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक में तो यह प्रक्रिया और लम्बी चलने की उम्मीद जताई जा रही है।
आगामी दिनों में बेहतर की उम्मीद- इस बार कोरोना के चलते स्कू ल बंद होने से प्रवेशोत्सव को लेकर उत्साह नहीं रहा। २१ सितम्बर से नवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं शुरू हो जाएगी, जिसके बाद प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के खुलने की भी उम्मीद है। आगामी दिनों में नामांकन वृद्धि की आस है।- महेश दादाणी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा कोरोना का प्रभाव- अमूमन जिले में प्रवेशोत्सव के दौरान आशा के अनुरूप नामांकन बढ़ता है, लेकिन इस बार कोरोना का असर रहा। प्रचार-प्रसार का अभाव व स्कू ल बंद होने से भी प्रवेशोत्सव पर प्रभाव पड़ा है। आगामी दिनों में नामांकन बढऩे की उम्मीद है।- नरसिंगप्रसाद जांगिड़, सहायक उप निदेशक समसा बाड़मेर
Source: Barmer News