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नंदकिशोर सारस्वत/जोधपुर. कोरोनाकाल में पिछले 187 दिनों में पहुंचे 13 गुमनाम ‘कान्हों’ पर जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित नवजीवन संस्थान की करीब 20 गृह माताएं ‘यशोदा मां’ के रूप में 24 घंटे ममता लुटा रही है। संस्थान में 22 शिशुओं को अपने आंचल में संभालने, दूध पिलाने, पालने में झुलाने, भोजन, बोलना सिखाने से लेकर बीमार होने पर अस्पतालों में भी दिन रात देखभाल में जुटी है। संस्थान में उन माताओं के बच्चों का लालन-पालन किया जाता है जो किसी अज्ञात मजबूरी में अपने बच्चों को निर्जन स्थल फैंक देती है अथवा संस्थान के अहाते में बने विशेष पालने में लाकर छोड़ देती है।

अनाथ बच्चों के लिए अपने परिवार, बच्चों तक से बना रखी है दूरी
नवजीवन संस्थान में लंबे अर्से से सेवारत मदर राम राठी, चांद परिहार, गोपीदेवी को शिशुओं से इतना प्यार है कि उन्होंने नवजात शिशुओं को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए अपने घर परिवार रिश्तेदारों तक से पिछले छह माह से सामाजिक दूरी बनाए रखी है। जबकि उनके अपने खुद के परिवार में बेटे-बेटियां, पोते पोतियां नाती-नातिन है लेकिन परिवार वालों को समझा बुझा कर कोरोनाकाल में पहुंचे गुमनाम शिशुओं की ‘मां ’ बनकर वात्सल्य लुटा रही है। अधीक्षक स्नेहलता व्यास और काउंसलर विनिता चौहान के संयोजन बच्चों को इंडोर गेम्स की व्यवस्था की गई है।

अस्पताल में भी दे रही 24 घंटे सेवाएं
संस्थान में आने वाले प्री मैच्योर बच्चों को कई बार अस्पताल में भर्ती रखना होता है। संस्थान के दो शिशु वर्तमान में उम्मेद अस्पताल में भर्ती है जिनकी देखरेख में संस्थान की मदर्स ग्लोरिया और शोभा 24 घंटे सेवाएं दे रही है।

लॉकडाउन में पहुंचे पांच शिशु जाएंगे विदेशों में गोद
कोरोनाकाल के लॉकडाउन अवधि में २५ मार्च से संस्थान में कुल 13 नवजात पहुंचे है। इनमें 9 शिशु तो गोद के लिए तय हो चुके है जिनमें कारा के नियमानुसार पांच शिशु विदेशों में गोद जाने वाले है। संस्थान में फिलहाल 22 स्वस्थ शिशु है। जिनकी देखरेख के लिए 20 गृहमाताएं नियुक्त है।
-राजेन्द्र परिहार, संचालक, नवजीवन संस्थान, जोधपुर

Source: Jodhpur

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