जोधपुर. ब्लूसिटी के युवाओं में कोविड फेज के बाद अर्बन फोरेस्ट को बढ़ावा देने और घर पर ऑर्गेनिक टेरेस के प्रति क्रेज बढ़ रहा है। कई लोगों ने अपने घर पर सब्जियों व अन्य महत्वपूर्ण पौधों की क्रॉप लगाने का काम शुरू कर दिया। टेरेस गार्डन भी विकसित किए जा रहे हैं।
क्या है अर्बन फोरेस्ट
शहर में रोड साइड, पार्क, चौराहों व खाली जगहों में नीम, अशोक, कदम्ब, शीशम, आम, अनार, अमरूद आदि फलों और औषधियों के पेड़ पौधों का रोपण किया जा रहा है। इससे लुप्त होते पक्षियों व जन्तुओं को बचाया जा सकता है। मौसम में होने वाले परिवर्तन को भी कंट्रोल किया जा सकता है। अर्बन जंगल के कारण ऑक्सीजन लेवल में सुधार होगा ही साथ ही साथ बड़े घने पेड़ों से शीतल छाव भी रहती है।
घर पर फॉर्मिंग
सार्वजनिक स्थानों पर अर्बन फोरेस्ट के कल्चर के साथ घर पर टेरेस फार्मिंग भी काफी देखी जा रही है। सब्जियां व फलों में कैमिकल के बढ़ते उपयोग को देखते हुए महिलाएं व युवा किचन गार्डनिंग, टेरेस फार्मिंग व आर्गेनिक गार्डनिंग को अपना रहे हैं। टेरेस गार्डन पर टमाटर, भिंडी, बैंगन, धनिया, पुदिना, पालक, लौकी, करेला आदि कई सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती है।
स्ट्रॉबेरी व लीची भी उगाई जा रही
ऑर्गेनिक फार्मिंग के एक्सपर्ट युवा प्रियांशु सांखला ने बताया कि घरों पर चीकू, अमरूद के साथ साथ स्ट्राबेरी और लीची के साथ सीताफल जैसे पौधे भी गार्डन में उगाए जा रहे हैं। अब से पहले स्ट्रॉबेरी व लीची जैसी क्रॉप जोधपुर के वातावरण में सफल नहीं थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह संभव हुआ है। गिलोय, शतावरी, अश्वगंधा, तुलसी, लेमन ग्रास का भी काफी क्रेज है।
Source: Jodhpur