Posted on

दिलीप दवे

बाड़मेर. बेबी मिक्स पोषाहार बना कर बेरोजगार बैठी महिलाएं समूह के रूप में रोजगार प्राप्त कर रही थी। इस बीच कोविड ने कहर बरपाया और काम-काज छूट गया। आठ माह हो गए है, लेकिन अभी तक बेबी मिक्स बांटने के आदेश नहीं आए हैं, जिस पर महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं हाथखर्ची को तरस रही है। सात माह से १७९७ समूह से जुड़ी करीब बीस हजार महिलाओं को अभी भी बेबी मिक्स बांटने का काम मिलने का इंतजार है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के मार्फत जिले में करीब १७९७ स्वयं सहायता समूह में करीब बीस हजार महिलाएं जुड़ी हुई है। इन महिलाओं को बेबी मिक्स बांटने का कार्य समूह के मार्फत मिलता था। सरकार ने बेबी मिक्स की सामग्री तय करते हुए दर तय कर रखी थी। इस दर से महिलाएं विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों से जुड़े तीन साल तक के बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को सप्ताह में एक दिन बेबी मिक्स बना कर देती है। पोष्टिक से भरपूर बेबी मिक्स बनाने के एवज में सरकार समूह को रुपए देती थी, जिसके चलते लाभांश कमा महिलाएं हाथखर्ची निकाल रही थी।

लम्बे समय से यह कार्य मिलने पर महिलाओं को आर्थिक संबल मिल रहा था तो समय पर बेबी मिक्स मिलने से लाभान्वितों को भी फायदा हो रहा था, लेकिन २२ मार्च को देश में लॉकडाउन लगते ही आंगनबाड़ी पर ताले लग गए। इसके बाद दो माह तक तो लॉकडाउन हटा नहीं लेकिन अनलॉकडाउन की प्रक्रिया आरम्भ होने के बाद भी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बेबी मिक्स बांटने व पोषाहार पकाने की छूट नहीं मिली है।

इस पर महिला स्वयंसहायता समूह अब भी ठाले ही बैठे हैं।

यों मिल रहा था आर्थिक संबल- जानकारी के अनुसार स्वयंसहायता समूह को प्रति किलो 65 रुपए मिलते थे। इससे स्वयं सहायता समूह को बेबी मिक्स या पंजेरी बनानी होती थी। इसमें शक्कर, गेहूं, सोयाबीन, चने की दाल, तेल आदि सामग्री मिक्स कर थैलियां बना कर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लाभान्वितों की तादाद के अनुरूप देनी होती थी। समूह की महिलाओं को मेहनत के बदले कमाई होती थी। इसके चलते कई समूह की महिलाओं को रोजगार मिल रहा था।

अब रुपए-रुपए को तरसे रही महिलाएं- कोविड के चलते इन जरूरतमंद महिलाओं को स्वयंसहायता समूह के मार्फत काम मिलना बंद हो गया तो अन्य रोजगार भी नहीं मिल रहा। एेसे में ये महिलाएं रुपए-रुपए का तरस रही है। उनको उम्मीद है कि जल्द ही बेबी मिक्स बांटने की इजाजत मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी।जल्द ही काम देने की जरूरत- पिछले सात-आठ माह से महिला स्वयंसहायता समूह को काम नहीं मिल रहा है जबकि आंगनबाड़ी केन्द्रों के मार्फत पोषाहार घर-घर बांटा जा रहा है। एेसे में बेबी मिक्स बांटने का कार्य भी शुरू किया जा सकता है। सरकार इस पर फैसला लेते हुए जल्द ही महिला स्वयंसहायता समूहों को काम दे जिससे कि जरूरतमंद महिलाओं को समूह के मार्फत रोजगार मिल सके।- सायरकंवर, सदस्य महिला स्वयंसहायता समूह

बेबी मिक्स मिलना चाहिए- बेबी मिक्स पोष्टिक आहार था जो मिलना चाहिए। अभी सिर्फ दाल, गेहूं आदि पोषाहार दिया जा रहा है।- रसालकंवर, लाभार्थी महिला कोविड के चलते बंद- महिला स्वयंसहायता समूहों के मार्फत बेबी मिक्स बांटने का काम कोविड के चलते बंद किया गया है। अभी तक वापिस शुरू करने के आदेश नहीं है।- प्रहलादङ्क्षसह राजपुरोहित, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग

बाड़मेरजिले में महिला स्वयं सहायता समूह ब्लॉक समूह की तादाद

गुड़ामालानी 46

बाड़मेर शहर128

धोरीमन्ना 97

गडरारोड 181

कल्याणपुर 102

चौहटन 181

सेड़व 169

सवाऊ पदमसिंह 99

रामसर218

सिवाना 256

६बालोतरा 170

बाड़मेर ग्रामीण150

०कुल 1797

Source: Barmer News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *