जोधपुर. मिलावट हर रोज हमारे हलक उतर रही है। पता ही नहीं चल पा रहा हैं कि हमको कौनसी चीज में मिलावट परोसी गई है। शहर में खाद्य वस्तुओं में हो रही मिलावट से सेहत को भारी नुकसान पहुंच रहा है। मिलावट के कारण लोगों को
लीवर, किडनी व हृदय रोग तक की बीमारियां हो रही है। मिलावट के चलते लोगों के शरीर का इम्यून सिस्टम भी प्रभावित हो रहा है। इस कारण कई लोगों को जल्द वायरल बुखार व कोरोना सहित अनेकों बीमारियां हो रही है।
प्रथम दृष्टया नजर आ जाती है मिलावट
कई कार्रवाई के दौरान खाद्य सामग्री देखते ही हमें अहसास हो जाता हैं कि ये खाद्य सामग्री मिलावटी है। एेसे खाद्य सामग्री को जब्त कर तुरंत नष्ट कर दिया जाता है। मिलावटखोर घी में वनस्पति ऑयल सहित अन्य मिलाकर बेचते हैं। मसालों में नुकसानदायी कलर मिलाकर बेच रहे हैं। मिलावट के कारण लीवर, किडनी व हार्ट पर भी बुरा असर पड़ता है। मिलावट के खिलाफ विभाग सख्त है। विभाग लोगों की शिकायत पर भी कार्रवाई करता है। लोग चाहे तो विभाग के साथ मिलकर मिलावट पकड़वा सकते है। मिलावट पकड़वाने पर पुरस्कार व नाम भी गोपनीय रखा जाएगा।
– रजनीश शर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी।
खाने में अयोग्य आइटम धीमा जहर है
एफएसएसएआई के मैन्यूल पद्धति को काम लेकर खाद्य सामग्रियों की लैब में जांच होती है। दूध में जांच के दौरान एडेल्टेशन, पानी, यूरिया व फैट सहित कई चीजें जांची जाती हैं। घी में वनस्पति ऑयल सही आदि मिलाया जा रहा है। कई व्यापारी जनता के साथ खिलवाड़ करते हैं। मिलावट में भी लोग दो तरह की मिलावट कर रहे हैं, एक जिनमें पूरा पोषण नहीं होता और दूसरा जो खाने योग्य नहीं होती। खाने योग्य नहीं होने वाली मिलावट एक प्रकार का धीमा जहर है।
– डॉ. रेणु शर्मा, खाद्य विश्लेषक
Source: Jodhpur