बाड़मेर. दुर्गम और दुरुह जिले में 11 लाख 79 हजार 100 पशुओं का टीकाकरण 45 दिन में पूरा करने का पहाड़ जैसा लक्ष्य विभाग की टीमों के पसीने छुड़ा रहा है। गत 12 अक्टूबर को शुरू हुआ टीकाकरण का कार्यक्रम 25 नवम्बर को पूरा करना है। लेकिन लक्ष्य हासिल करने में आ रही दिक्कतों के चलते 1 नवम्बर तक 40 हजार से अधिक पशुओं का टीकाकारण हो पाया है। अभी लाखों में पशुओं का टीकाकरण बाकी है और समय बहुत ही कम बचा है।
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत माउथ एंड फुट डिजीज (एमएफडी) से बचाव के लिए गत 12 अक्टूबर से जिले में पशुओं का टीकाकरण शुरू किया है। टीकाकरण से पहले टीम को पशु की टैङ्क्षगग करनी पड़ती है, साथ ही पशुपालक के आधार से उसे लिंक करने की लंबी प्रक्रिया के कारण फील्ड में काम कर रही टीमों को काफी समय लग रहा है। जिससे लक्ष्य अब पहाड़ जैसा लगने लगा है। जिले में 15 नोडल के अंतर्गत टीमें जुटी हुई है।
गो और भैंस वंश का टीकाकरण
कार्यक्रम के तहत जिले में गोवंश और भैंसवंश का टीकाकरण किया जा रहा है। इसमें साल 2012 की पशुगणना के आधार पर 11 लाख 79 हजार 100 का लक्ष्य दिया गया है। इसमें भैंसवंश के मुकाबले गोवंश की संख्या अधिक है।
पशु को खुले में छोडऩे की समस्या से अभियान प्रभावित
पशुओं के टीकाकरण के लिए जाने के दौरान पशु नहीं मिलने से अभियान प्रभावित हो रहा है। अधिकांश पशुपालक पशु को बांधकर रखने की बजाय उसे खुला छोड़ देते हैं। ऐसे में टीम के पहुंचने पर पशु नहीं मिलता है। इस बीच पशुपालक उसे तलाश करके लाता है, इसके कारण एक पशु के टीकाकरण में काफी समय लगने से टीमों की समस्या बढ़ गई है।
टैङ्क्षगग करवाने पर ही टीकाकरण
कार्यक्रम के पशु का पहला टैगिंग किया जाता है। इस 12 डिजिट के टैग को पशुपालक के आधार से जोड़ा जाता है। टैगिंग से पशु की उम्र, किसी तरह की बीमारी, नस्ल सहित पूरी जानकारी का डेटा एकत्रित हो रहा है। इसलिए एमएफडी टीकाकरण के लिए टैगिंग अनिवार्य है।
अभियान की हो रही ऑनलाइन मॉनिटरिंग
अभियान की मॉनिटरिंग भी ऑनलाइन की जा रही है। किसी पशु के टैग से उसके मालिक का भी पता चल जाता है। अधिकारी पशु मालिक को फोन करके भी टीकाकरण का ऑनलाइन वेरिफिकेशन कर रहे हैं।
25 नवम्बर तक मिला है समय
जिले में 11 लाख से अधिक पशुओं के एमएफडी टीकाकरण का लक्ष्य है। इसे अभी तक 25 नवम्बर तक पूरा करने का लक्ष्य मिला है। फील्ड में टीमों को काफी दिक्कतें आ रही है। इसलिए अभी तक दस फीसदी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है।
रतनलाल जीनगर, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग बाड़मेर
Source: Barmer News