बाड़मेर. कोरोना के संदिग्धों की जांच में अब एचआरसीटी टेस्ट महत्वपूर्ण होता जा रहा है। सीटी जांच में फेंफड़े में संक्रमण का पता चल जाता है। साथ ही संक्रमण कितना अधिक है, इसकी जांच होने से मरीज के उपचार में एचआरसीटी जांच काफी उपयोगी साबित हो रही है। इसके चलते अब चिकित्सक भी मरीजों को सीटी जांच के लिए भेज रहे हैं। बाड़मेर में 13 दिसम्बर तक सीटी जांच में कुल 1184 संक्रमित सामने आ चुके हैं।
संक्रमण फैलने के बाद सबसे पहले आरटी-पीसीआर जांच शुरू हुई थी। इसके बाद एचआरसीटी जांच करीब एक-डेढ़ महीने पहले शुरू हुई। इसके बाद सीटी जांच की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है। बाड़मेर में औसतन करीब 50 मरीजों की रोजाना एचआरसीटी की जा रही है।
थोरेक्स स्कोर से पता चल जाता है संक्रमण का कितना असर
संदिग्ध की जांच रिपोर्ट में थोरेक्स स्कोर आता है। जिससे पता चलता है कि संक्रमण कितना अधिक है। फेंफड़े संक्रमण से कितना प्रतिशत प्रभावित है। इस जांच का फायदा यह मिल रहा है कि पॉजिटिव किस श्रेणी में आ रहा है, इसका निर्धारण आसानी से हो जाता है। चिकित्सक संक्रमित को उसी अनुरूप इलाज कर पाते हैं।
अब तक जांच में माइल्ड संक्रमित मिले 793
बाड़मेर जिले में अब तक हुई सीटी जांच में 793 संक्रमित माइल्ड श्रेणी के मिले हैं। जिनका थोरेक्स स्कोर 8 तक मिला है। वहीं मोडरेट कैटेगरी में 306 संक्रमित मिले, इनका स्कोर 8-15 तक मिला। इसी तरह 83 पॉजिटिव सिवियर श्रेणी के सामने आएं, इनका थोरेक्स स्कोर 16 और उससे अधिक आया।
आरटीपीसीआर के बाद भी करवा रहे सीटी जांच
कई मरीज आरटीपीसीआर जांच में नेगेटिव आ रहे हैं। लेकिन उनके लक्षण कोरोना पॉजिटिव की तरह होते हैं। ऐसे मरीजों को एचआरसीटी जांच की सलाह दी जा रही है। जिससे यह पता चल जाता है कि संदिग्ध वास्तव में संक्रमित है या नहीं। सीटी जांच में कई मरीज पॉजिटिव मिल चुके हैं, जो आरटी-पीसीआर टेस्ट में नेगेटिव आए थे। बाड़मेर में राजकीय अस्पताल के अलावा तीन स्थानों पर सीटी जांच की जा रही है।
बाड़मेर: एचआरसीटी जांच एक नजर
कुल संक्रमित 1184
माइल्ड: 793
मोडरेट: 306
सिवियर: 85
(13 दिसम्बर तक: स्रोत: चिकित्सा विभाग)
Source: Barmer News