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जोधपुर.
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में हमारा शहर जोधपुर अवार्ड ले चुका है। इसके नाम फास्टेस्ट मूविंग सिटी का खिताब है। लेकिन इस बार खुद से शहर कम्पीटीशन करेगा। इसका कारण है कि दो नगर निगम में बंट जाने के कारण अब 10 लाख से कम जनसंख्या वाली श्रेणी में हिस्सा लेना पड़ सकता है। वर्तमान में इसके डाक्यूमेंटेशन और स्टाफ ट्रेनिंग जैसे कार्य शुरू हो चुके हैं।

अगले माह से स्वच्छता सर्वेक्षण की दौड़ शुरू हो जाएगी। कोविड मैनेजमेंट में नगर निगम की भूमिका सराहनीय रही है। लेकिन अब सर्वेक्षण में पूरा ध्यान नहीं लगा पाए हैं। दो निगम बनने से संसाधनों के लिए पहले से ही लड़ाई चल रही है। ऐसे में अब दोनों निगम एक-दूसरे के सामने प्रतिस्पद्र्धी बन कर खड़े होंगे। आमने-सामने होने से दोनों में खींचतान होना भी स्वाभाविक है।

दो टुकड़ों में बंटा शहर
शहर को दो टुकड़ों में यानि उत्तर और दक्षिण में बांटने के बाद पहली बार यह सर्वेक्षण होने जा रहा है। अगले माह जनवरी से इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेकिन डंपिंग यार्ड, कम्पोस्टिंग साइट सहित अन्य कुछ नवाचार जो किए गए हैं वह दोनों निगम में कॉमन ही रहने वाले हैं।

36 करोड़ खर्च किए

पिछले दो वर्ष में नगर निगम ने डोर टू डोर कचरा संग्रहण में 36 करोड़ से अधिक राशि खर्च की। पहले सभी 65 वार्ड को इसमें कवर किया गया था। अब क्षेत्र नहीं बढ़ा, लेकिन वार्ड बढ़े हैं। प्रतिस्पद्र्धा दोनों निगम की भी आपस में रहेगी।

राजनीतिक खींचतान न आ जाए आड़े
हाल में टैक्स से आय के मामले में हिस्सा देना हो या फिर अतिक्रमण को लेकर विरोध प्रदर्शन। कांग्रेस और भाजपा में गतिरोध देखने को मिला है। दोनों निगम में अलग-अलग पार्टी का बोर्ड है और वार्ड के लिहाज से सफाई कर्मचारियों की कमी है। ऐसे में यह खींचतान रह सकती है कि किस निगम में कितने कमचारी रहेंगे और सर्वेक्षण में किस निपुणता से हिस्सा लेंगे।

जोधपुर की लम्बी छलांग याद है

सर्वेक्षण 2019 में जोधपुर की 243वी रैंक थी और 2020 में वह 29वे स्थान पर आ गया था। इसी कारण अवार्ड भी मिला। इसे पूरे देश में याद रखा गया। पहली बार जोधपुर टॉप 100 में शामिल हुआ। लेकिन अब परिस्थितियां बदली है। जो पहचान पहले मिली है, उसे यथावत रखना चुनौती होगा।

क्या कहते हैं आयुक्त
– नगर निगम उत्तर के आयुक्त रोहिताश्व तोमर का कहना है कि वार्ड बढ़े हैं लेकिन क्षेत्र नहीं बढ़ा। ऐसे में डोर टू डोर व्यवस्था पुरानी वाली कंसीडर हो जाएगी। कुछ नवाचार पर लगातार काम चल रहा है।

– निगम दक्षिण के आयुक्त अमित यादव के अनुसार इस बार 10 लाख से कम जनसंख्या वाले निकायों से प्रतिस्पद्र्धा होगी। तैयारियां शुरू कर दी हैं। अभी इसको एनालिसिस कर बहुत कुछ करना बाकी है।

Source: Jodhpur

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