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जोधपुर. कांग्रेस के पिछले कार्यकाल के दौरान विकास कार्य के नाम करोड़ों के घोटाले के मामले में गिरफ्तारी के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की दो मामलों में एफआर यानि अंतिम प्रतिवेदन को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जबकि दो अन्य मामलों में भी जेडीए के तत्कालीन चेयरमैन राजेन्द्रसिंह सोलंकी व अन्य निजी व्यक्तियों को एसीबी ने आरोपी नहीं माना है।

दरअसल, राज्य की कांग्रेस सरकार के पिछले कार्यकाल के अंतिम समय में जेडीए से करोड़ों रुपए के विकास कार्यों को स्वीकृत किए गए थे। चुनाव होते ही सरकार बदल गई थी। भाजपा सरकार ने विकास कार्य में करोड़ों के घोटाले मानकर एसीबी से जांच करवाई थी। प्रारम्भिक जांच के बाद एसीबी ने वर्ष २०१६ में चार एफआइआर दर्ज की थी।
सुप्रीम कोर्ट में अपील कर तत्कालीन चेयरमैन राजेन्द्रसिंह सोलंकी को गिरफ्तार किया गया था। जेडीए के कई अधिकारी व कर्मचारी भी गिरफ्तार किए गए थे।

दो साल पहले राज्य में फिर सरकार बदल गई। एसीबी ने जांच कर चारों मामलों में जेडीए के तत्कालीन चेयरमेन राजेन्द्र सोलंकी व अन्य निजी व्यक्तियों को आरोपी न मानकर चारों मामलों में एफआर लगाकर कोर्ट में पेश की।

इन दो मामलों में एफआर स्वीकृत
करोड़ों के घोटाले के संबंध में एसीबी ने वर्ष २०१६ में प्रकरण संख्या १०८, १०९, ११० व १११ दर्ज किए थे। चारों में जेडीए के तत्कालीन चेयरमैन राजेन्द्र सिंह सोलंकी आरोपी थे। गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने प्रकरण संख्या १०८ व १०९ में आरोपी सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी थी। प्रकरण संख्या ११० व १११ में अधिकारी व कर्मचारियों की अभियोजन स्वीकृति नहीं दी गई। फलस्वरूप एसीबी कोर्ट ने प्रकरण संख्या ११०/१६ च १११/१६ में एफआर स्वीकार कर ली।

चारों मामलों में सोलंकी व निजी व्यक्तियों को राहत
राज्य सरकार ने प्रकरण संख्या १०८ व १०९ में सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दे दी थी। वहीं, अन्य दोनों मामलों में अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली। जबकि तत्कालीन चेयरमैन सोलंकी व अन्य निजी लोगों को एसीबी ने चारों मामलों में दोष मानकर राहत दी है।

Source: Jodhpur

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