जोधपुर में दिवाली ( Diwali ) पर सोमवार को गोवर्धन पूजन ( govardhan pujan ) किया गया और अन्नकूट महोत्सव ( Annakoot Festival ) मनाया गया। साथ ही रामा श्यामा ( Rama Shyama ) किया गया।घरों के बाहर गोबर का गोवर्धन पर्वत प्रतीक बना कर विधिवत पूजन किया गृहिणियों ने सुबह थाली बजाते हुए महालक्ष्मी को घर में आने का आह्वान किया जोधपुर. अंधेरे पर उजाले की जीत के पर्व दीपावली के चौथे दिन सोमवार को गोवर्धन पूजन, अन्नकूट महोत्सव व रामा श्यामा मनाया गया। महिलाओं ने सोमवार को अलसुबह घरों के बाहर गोबर का गोवर्धन पर्वत प्रतीक बना कर विधिवत पूजन किया । घरों में बने पकवानों, व्यंजनों व ऋतु फलों का भोग लगाने के बाद परिवार के लोगों के लिए खुशहाली और समृद्धि की प्रार्थना की गई। गृहिणियों ने सुबह गोवेर्धन पूजन के बाद थाली बजाते हुए महालक्ष्मी को घर में आने का आह्वान किया । चौपासनी स्थित श्याम मनोहर प्रभु मंदिर में गोवर्धन प्रतीक बनाकर परिक्रमा की गई और शाम को अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों के पुष्टिमार्गीय परंपरा से जुड़े श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसलिए होता है गोवर्धन पूजनइंद्र के कोप से प्रताडि़त गोकुल ब्रजवासी 7 दिन तक मूसलाधार बरसात में पर्वत के नीचे रहे। भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा कर सभी की रक्षा की थी। तब से भगवान कृष्ण की प्रसन्नता के लिए हर साल गोवर्धन उत्सव और अन्नकूट उत्सव का आयोजन किया जाता है । ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को यह उत्सव मनाने वाले संसार के सारे सुखों को भोग कर विष्णु लोक में जाते हैं।
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Source: Jodhpur